उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार को लेकर सोशल मीडिया पर हाल ही में उठे विवाद के बीच अब तस्वीर साफ हो गई है। पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा लगाए गए आरोप निराधार साबित हुए हैं। दरअसल, अमिताभ ठाकुर ने एक पोस्ट के जरिए यह दावा किया था कि डीजीपी प्रशांत कुमार सादे कपड़ों में सिर्फ एक एस्कॉर्ट गाड़ी के साथ गोमतीनगर के विराम खंड-5 स्थित एक खाली मैदान में पहुंचे और किसी कार्य का निरीक्षण कर चुपचाप लौट गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मौके पर तैनात एकमात्र सिपाही ने उन्हें वीडियो डिलीट करने की धमकी दी।
डीजीपी ने किया पोस्ट
हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम पर खुद डीजीपी प्रशांत कुमार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा: “आज मैंने अपने दिल के एक टुकड़े को लखनऊ नगर निगम के निर्धारित दफ़न स्थल पर अंतिम विदाई दी। वह भले ही यहां न हो लेकिन हमेशा मेरी आत्मा में बसा रहेगा। वह सकारात्मकता (paw-sitivity) का अंतहीन स्रोत था। उसकी पूंछ हिलाने की अदा ने दिलों को ठीक किया और जीवन में उजाला भर दिया। प्रिय नीमो, तुम्हारी आत्मा को शांति मिले।
यह पोस्ट उनके पालतू डॉग “नेमो” की मौत पर थी, जिसे उन्होंने नगर निगम के निर्धारित स्थान पर अंतिम विदाई दी। डीजीपी ने अपने गहरे भावनात्मक लगाव को साझा करते हुए लिखा कि नेमो उनके दिल का एक हिस्सा था, जिसकी यादें हमेशा उनके साथ रहेंगी।
पूर्व आईपीएस ने उठाए थे सवाल
वहीं, इसी घटनास्थल को लेकर एक और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ यश ने भी पोस्ट किया कि “आज सुबह 7:15 बजे @dgpup विराम खंड-5, गोमतीनगर स्थित हमारे आवास के सामने खाली मैदान में एक एस्कॉर्ट के साथ आए। वह कुछ देखकर तुरंत वापस चले गए। मुझे देखते ही निकल गए और वहां तैनात सिपाही ने वीडियो डिलीट करने को कहा। पता नहीं क्या मामला था?”
अब जबकि डीजीपी ने खुद स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने पालतू जानवर को अंतिम विदाई देने आए थे, सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अटकलों और आरोपों की असलियत सामने आ चुकी है।