राजस्थान में पुलिसकर्मियों की लंबित मांगों को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। प्रमोशन, वेतन सुधार और अवकाश जैसी समस्याओं के समाधान न होने से पुलिस बल में नाराजगी गहराती जा रही है। हाल ही में, पुलिसकर्मियों ने सरकार के प्रति अपना विरोध जताने के लिए होली समारोह का बहिष्कार किया था, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
अब, नाराज पुलिसकर्मियों ने पुलिस मेस के बहिष्कार की चेतावनी देकर विरोध के अगले चरण की ओर कदम बढ़ा दिया है। इस घटनाक्रम से पुलिस प्रशासन में हलचल मच गई है, और सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को मामले को संभालने के निर्देश दिए हैं।
DGP के सख्त निर्देश और समाधान की कोशिशें
पुलिसकर्मियों के बढ़ते विरोध को देखते हुए, पुलिस महानिदेशक (DGP) यू आर साहू ने सभी जिलों के अधिकारियों को जवानों से संवाद करने और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से सुनने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वरिष्ठ अधिकारी पुलिस मेस में जवानों के साथ भोजन कर उनका भरोसा जीतें।
DGP ने स्पष्ट किया कि पुलिस मुख्यालय जवानों की समस्याओं से अवगत है और समाधान के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने अनुशासनहीनता को बर्दाश्त न करने की चेतावनी देते हुए संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
डीजीपी द्वारा लिखे गए पत्र पुलिस मुख्यालय को इनपुट मिला है कि कुछ रिटायर्ड पुलिसकर्मी असंतुष्ट जवानों को भड़काने का काम कर रहे हैं। माना जा रहा है कि होली के बहिष्कार में भी इनका हाथ था और अब वे मेस बहिष्कार के लिए भी पुलिसकर्मियों को उकसा रहे हैं। ऐसे तत्वों पर नजर रखने और कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएम ने दिए निर्देश
सरकार ने भी इस विरोध को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में गृह विभाग, वित्त विभाग और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इसमें पुलिसकर्मियों की मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई और मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जल्द से जल्द ठोस समाधान निकाला जाए। सरकार के इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि पुलिसकर्मियों की नाराजगी कम होगी और उनके लंबित मुद्दों का समाधान निकलेगा।