उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का निजी सचिव रहे प्रकाश चंद्र उपाध्याय ने लोगो को टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी करता था. पी सी उपाध्याय ने अपने एक साथी के साथ मिलकर कई लोगो के साथ धोकाधड़ी की थी. पीसी उपाध्याय के खिलाफ उत्तराखंड के अलावा कई अन्य राज्यों में भी मुकदमे दर्ज है. देहरादून पुलिस ने पीसी उपाध्याय को उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया है. पीसी उपाध्याय कारोबारियों से ई-टेंडर के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की थी. इस मामले में पुलिस ने मुख्यमंत्री के निजी सचिव को उसके एक साथी के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, पकड़े गए आरोपी पर तीन राज्यों में छह मुकदमे दर्ज हैं. उधर, आरोपी का करीबी भी राजस्थान पुलिस के हत्थे चढ़ा है. वही एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बीते नौ मार्च को रामकेवल निवासी सिडकुल हरिद्वार ने मुकदमा दर्ज कराया था. वे हरिद्वार में जेआर फार्मास्युटिकल कंपनी चलाते हैं. साल 2022 में धीरज ऋषि निवासी पटियाला ने सौरभ वत्स निवासी देहरादून से उनकी मुलाकात कराई, तब सौरभ ने बताया कि वो उत्तराखंड सचिवालय में विशेष कार्याधिकारी है.
फर्जी दस्तावेज थमाते हुए पीड़ित से
बताया गया कि, सौरभ ने प्रकाश चंद्र उपाध्याय निवासी कलिंगा विहार माजरी माफी से सचिवालय में उनकी मुलाकात कराई. तब पीड़ित को बताया गया था कि उपाध्याय मुख्यमंत्री के निजी सचिव हैं. इसके बाद उपाध्याय, सौरभ, सौरभ की पत्नी नंदिनी, उनके ड्राइवर शाहरुख खान, सहयोगी महेश और उसके बेटे ने साजिश रचकर दवा सप्लाई का ई-टेंडर दिलाने के फर्जी दस्तावेज थमाते हुए पीड़ित से 52 लाख रुपये ठग लिए. इस मामले में आरोपी पीसी उपाध्याय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की पूछताछ में पता चला कि इन आरोपियों के खिलाफ देहरादून के साथ ही यूपी-राजस्थान में कुल छह मुकदमे दर्ज हैं. मुख्यमंत्री के निजी सचिव के गिरफ्तार होने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. फिलहाल पुलिस इस मामले में के हर पहलुओं की बारीकी से जांच कर रही है. साथ ही ये भी पता लगाने की कोशिश कर रही है इन लोगों ने कितने लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.
व्यापारी की शिकायत हुई कार्रवाई
एसएस देहरादून अजय सिंह ने बताया की हमने पीसी उपाध्यय को गिरफ्तार किया है. इनके द्वारा लोगो से ठगी की जा रही थी. जिसकी शिकायत एक कारोबारी ने की थी. जांच किए जाने पर मामला सही पाया गया. पीसी उपाध्याय मुख्यमंत्री के निजी सचिव रहा है. सचिवालय में लोगो को टेंडर दिलाने के नाम पर लूट रहा था जिसकी शिकायते लगातार सीएम धामी के कानो तक पहुंच रही थी.सीएम धामी ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत किसी भी भारष्टाचारी को न छोड़ने की नीति के तहत पुलिस को निर्देश दिए कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को न बख्शा जाए जो जनता को लूटने का काम कर रहा है.