उत्तर प्रदेश के झांसी जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला सिपाही द्वारा दारोगा से प्रेम विवाह करने के चलते उसके पूरे परिवार को गांव से सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया गया है। यह मामला टोड़ीफतेहपुर थाना क्षेत्र के एक गांव का है, जहां कथित रूप से पंचायत ने ‘खाप’ की तर्ज पर सख्त और विवादास्पद निर्णय सुनाया।
ये है मामला
महिला सिपाही ने लखनऊ में तैनात एक अन्य पुलिस अधिकारी से दो साल पहले कोर्ट मैरिज की थी। शादी दोनों परिवारों की सहमति से हुई थी, लेकिन जब हल्दी की रस्म के लिए वह अपने गांव पहुंची, तो माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया। गांव में पंचायत बुलाई गई और वहीं से शुरू हुई ‘सामाजिक सजा’ की एक हैरान कर देने वाली कहानी।
पंचायत ने महिला के परिवार पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही ‘हुक्का-पानी’ बंद करने का ऐलान किया गया – यानी गांव का कोई भी व्यक्ति इस परिवार से कोई भी संबंध रखेगा, तो उस पर 50,000 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा गया कि पंचायत में बैठे कुछ लोग खुले तौर पर चेतावनी दे रहे हैं कि जो भी महिला सिपाही के घर जाएगा, उसे न केवल आर्थिक दंड भुगतना होगा, बल्कि मारपीट कर गांव से भी निकाला जा सकता है।
अफसरों से लगाई गुहार
इस अमानवीय रवैये से परेशान महिला सिपाही के परिजनों ने थाना और उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई है। मामले की शिकायत संपूर्ण समाधान दिवस में भी की गई है। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।
गांव के प्रधान पक्ष ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि पंचायत पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और महिला सिपाही के परिजन जानबूझकर बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।