संभल के सीओ अनुज चौधरी ने 14 मार्च को होली से जुड़े अपने बयान में कहा कि होली एक साल में केवल एक बार आती है, जबकि जुम्मे की नमाज साल भर 52 बार होती है। इस बयान से विरोध की लहर दौड़ गई है। मुस्लिम लीग ने इस बयान को हिंदू नेता के रवैये के रूप में देखने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि अगर होली के दिन संभल में किसी भी प्रकार की हिंसा या झगड़ा होता है, तो इसकी जिम्मेदारी अनुज चौधरी पर ही डाली जाएगी। लीग ने डीजीपी को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि अनुज चौधरी को तुरंत संभल से स्थानांतरित कर दिया जाए।
पीस कमेटी की मीटिंग में दिया था बयान
जानकारी के मुताबिक, संभल जिले के सीओ अनुज चौधरी ने यह बयान होली और रमजान के संदर्भ में आयोजित पीस कमेटी की बैठक में दिया था, जिसके बाद से संभल में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। हालांकि उनके इस बयाव पर सीएम योगी ने भी सहमति जताई है।
लेकिन इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के संयुक्त सचिव मौलाना कौसर हयात ने आरोप लगाया कि चौधरी ने अपने पद की गरिमा का ध्यान न रखते हुए हिंदू नेता की तरह बयान दिया है। मौलाना का कहना है कि पुलिस अधिकारी का कर्तव्य दोनों समुदायों के बीच निष्पक्षता बनाए रखना है, न कि किसी एक पक्ष का समर्थन करना।
डीजीपी से की हटाने की अपील
मौलाना ने और कहा कि चौधरी का बयान धमकी भरे अंदाज में था और उनकी गतिविधियां पिछले फसाद के बाद से एक विशेष राजनीतिक प्रवृत्ति को दर्शाती हैं, जिससे यह संदेह भी उठ रहा है कि भविष्य में उनका बीजेपी से एमपी या एमएलए बनने का इरादा हो सकता है। मौलाना ने डीजीपी से अपील की है कि संभल में किसी भी विवाद की स्थिति में चौधरी को जिम्मेदार ठहराया जाए और उसे तुरंत हटाने का निर्णय लिया जाए।