यूपी की बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हुई हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. सीबीआई के मुताबिक यह एक प्री प्लांट मर्डर था. सीबीआई ने चार्जशीट में आशंका जताई है कि बागपत के छपरौली में जून 2020 में हुए परमवीर तुगना हत्याकांड में जिन असलहों का इस्तेमाल हुआ है. वह वही है जो मुन्ना बजरंगी की हत्या में इस्तेमाल हुए थे. सीबीआई की चार्जशीट में आगरा की फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की जांच रिपोर्ट और मौके से बरामद 10 खोको की जांच के आधार पर यह दावा किया गया है. सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक चौथी पिस्तौल दो मैगजीन और 22 कारतूस जो सेप्टिक टैंक से बरामद हुए थे. उनका इस्तेमाल सुनील राठी ने बचने के लिए किया था.
जांच को गुमराह करने के लिए
माफिया मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में 9 जुलाई 2018 को ही हत्या के लिए एक दो नहीं बल्कि चार हथियार आए थे. चारों हथियार 7.62 बोर के थे. इनमें से तीन असलहों का इस्तेमाल मुन्ना पर गोलियां दागने के लिए किया गया था जबकि चौथा असलहा जिसे पुलिस ने सेफ्टी टैंक से बरामद किया था. वह जांच को गुमराह करने के लिए लाया गया था. जिन तीन असलहों का इस्तेमाल किया गया. उनमें से एक से पांच गोली, दूसरे से तीन और तीसरे से दो गोलियां दागी गईं. सीबीआई की चार्जशीट में आगरा की फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की जांच रिपोर्ट और मौके से बरामद 10 खोको की जांच के आधार पर यह दावा किया गया है.
सीबीआई को यह जानकारी दी थी
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक चौथी पिस्तौल दो मैगजीन और 22 कारतूस जो सेप्टिक टैंक से बरामद हुए थे. उनका इस्तेमाल सुनील राठी ने बचने के लिए किया था. हत्याकांड के दौरान कोई भी बचाव के लिए न आ सके. इसके लिए बबलू नंबरदार ने तन्हाई के मैन गेट पर ताला लगाकर उसकी चाबी सुनील राठी को दे दी थी. विक्रम उर्फ विक्की नाम के बंदी ने अपने बयान में सीबीआई को यह जानकारी दी थी. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में सुनील राठी उसके सगे भाई अरविंद राठी बबलू उर्फ नंबरदार रविंद्र और ओमवीर राठी को आरोपी बनाया है. कोर्ट ने चार्जशीट को अधूरा मानते हुए संज्ञान लेने के बाद लौटा दिया है. साथ ही जल्द जांच पूरी करने का आदेश दिया है.
एक्सपर्ट्स की टीम के साथ
प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर सीबीआई ने आशंका जताई है कि तन्हाई बैरेक की बाउंड्री वॉल से हथियार बाहर फेंके गए. जांच के दौरान सीबीआई को जानकारी मिली कि बबलू उर्फ नंबरदार को वारदात के बाहर की तरफ कुछ फेंकते हुए देखा गया था. इसी आधार पर सीबीआई टीम ने नवंबर 2023 में एक्सपर्ट्स की टीम के साथ यह देखा था कि क्या असलहे को बाहर फेंका जा सकता है. इसके लिए पिस्टल के वजन के बराबर करीब 800 ग्राम के असलहे को पैक करके बाहर फेंका गया था.