इंदौर के चर्चित व्यापारी राजा रघुवंशी की हत्या का मामला देशभर में सुर्खियों में है। इस हाई-प्रोफाइल केस में नया मोड़ तब आया, जब उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में आत्मसमर्पण कर दिया। मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस पूरे प्रकरण में मेघालय की डीजीपी इदाशीशा नोंगरांग की भूमिका प्रमुख रही, जिन्होंने न केवल जांच का नेतृत्व किया, बल्कि एक सुनियोजित साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
कौन हैं डीजीपी इदाशीशा नोंगरांग?
शिलांग में 30 अक्टूबर 1965 को जन्मी इदाशीशा नोंगरांग 1993 बैच की अधिकारी हैं। उन्होंने बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की और फिर पुलिस सेवा में शामिल होकर असिस्टेंट एसपी के रूप में करियर शुरू किया। 2 जून 2022 को उन्हें मेघालय की पहली महिला डीजीपी बनने का गौरव प्राप्त हुआ। वर्तमान में वह सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं।
कैसे हुआ हत्याकांड का खुलासा?
20 मई 2025 को राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम हनीमून पर शिलांग पहुंचे थे। 23 मई को दोनों नोंग्रियाट गांव के प्रसिद्ध “लिविंग रूट ब्रिज” घूमने निकले, लेकिन इसके बाद वे लापता हो गए। 2 जून को वेईसावडॉन्ग जलप्रपात के पास एक खाई से राजा का शव बरामद हुआ।
हत्या की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुई, लेकिन सोनम का कोई सुराग नहीं मिला। शक की सुई सोनम की ओर घूमी और डीजीपी नोंगरांग के निर्देश पर जांच तेज की गई।
जांच के दौरान यह सामने आया कि सोनम ने अपने पति की हत्या के लिए मध्य प्रदेश के तीन लोगों को सुपारी दी थी। पुलिस ने इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। सोनम को गाजीपुर के एक ढाबे से पकड़ा गया, जहां वह अपने भाई और एक परिचित की मदद से छिपी हुई थी। मामले में एक और आरोपी की तलाश जारी है।
डीजीपी की सक्रियता बनी चर्चा का विषय
इदाशीशा नोंगरांग ने इस केस की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की। तलाशी अभियान में ड्रोन और एनडीआरएफ की मदद ली गई। स्थानीय लोगों और गाइड्स से भी जानकारी जुटाई गई। मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने भी सोशल मीडिया पर डीजीपी की टीम की तारीफ की।
राजा रघुवंशी के परिजनों ने इस हत्याकांड पर गहरा आघात जताया है। सोनम के पिता देवीसिंह का कहना है कि सच सामने आना चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। वहीं सोनम की मां ने कहा कि अंतिम सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी।