मेरठ में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन शस्त्र’, DIG कलानिधि नैथानी का सख्त आदेश जारी   

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यूपी के मेरठ में एसटीएफ ने हाल ही में कारतूसों की बड़ी खेप बरामद की थी, जिसके बाद मेरठ रेंज के डीआईजी कलानिधि नैथानी ने पूरे रेंज में ऑपरेशन शस्त्र को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत अब लाइसेंस धारकों को नए कारतूस लेने से पहले पुराने कारतूसों की खपत का पूरा ब्यौरा देना अनिवार्य होगा। डीआईजी के आदेशानुसार अब एसडीएम और पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा गहन जांच के बाद ही नए कारतूस जारी किए जाएगी।

इस मामले के बाद पुलिस हुई सख्त 

जानकारी के मुताबिक, मेरठ एसटीएफ ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसके पास से 12 बोर के कुल 1975 कारतूस बरामद किए गए। यह आरोपी कारतूसों को कार में छिपाकर ले जा रहा था और उसे पल्लवपुरम थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम राशिद अली है।

एसटीएफ एएसपी बृजेश कुमार सिंह के अनुसार, आरोपी राशिद इंटरस्टेट असलाह तस्कर गैंग का सक्रिय सदस्य है। जांच में यह भी सामने आया कि उसके पास से बरामद 1975 कारतूस इटली निर्मित थे। फिलहाल, एसटीएफ आरोपी से पूछताछ कर रही है और यह जानने का प्रयास कर रही है कि यह हथियारों की खेप कहां और किसे सप्लाई की जानी थी।

डीआईजी ने शुरू किया अभियान

मेरठ एसटीएफ द्वारा किए गए इस बड़े खुलासे के बाद पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। डीआईजी कलानिधि नैथानी के निर्देश पर मेरठ रेंज में “ऑपरेशन शस्त्र” शुरू किया गया है, ताकि कारतूसों और हथियारों की अवैध तस्करी को पूरी तरह से रोका जा सके। ऐसे में अब डीआईजी ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति अपने लाइसेंसी हथियार को किसी अन्य व्यक्ति को इस्तेमाल करने के लिए देता है, तो यह लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा।

ऐसे मामलों में आयुध अधिनियम की धारा 30 के तहत मुकदमा दर्ज कर शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई व्यक्ति गोलीकांड जैसी अपराधिक साजिश में शामिल पाया जाता है, तो उसके पारिवारिक सदस्यों और मित्रों पर भी कानूनी कार्रवाई होगी।

डीआईजी ने लोगों को आगाह किया कि वे अवैध हथियार रखने वालों से दूरी बनाए रखें और न ही अपने मकान या वाहन का इस्तेमाल ऐसे लोगों को करने दें। यदि कोई व्यक्ति अपराधियों को शरण देने, अवैध असलाह छिपाने या लाइसेंसी हथियार किसी और को सौंपने में लिप्त पाया गया, तो उस पर बीएनएस की धारा 249, 3(5), 61(2) के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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