अगले छह महीनों में डीजी स्तर के पांच उच्च अधिकारियों के रिटायरमेंट का एक महत्वपूर्ण दौर शुरू होने जा रहा है, जिनमें पहले नाम पर डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री का है, जिनका रिटायरमेंट 31 मई को तय है। इसके साथ ही उसी दिन डीजी टेलीकॉम संजय एम तरडे और डीजीपी प्रशांत कुमार भी रिटायर हो जाएंगे। यदि डीजीपी को सेवा विस्तार नहीं मिलता है, तो इस स्थिति में डीजी स्तर के चार महत्वपूर्ण पद रिक्त हो जाएंगे, क्योंकि डीजीपी के पास डीजी ईओडब्ल्यू का अतिरिक्त चार्ज भी है।
इनका रिटायरमेंट तय
इंटेलीजेंस मुख्यालय में पदस्थापन के संदर्भ में, पूर्व डीजीपी डीएस चौहान के रिटायरमेंट के बाद से डीजी स्तर का कोई अधिकारी नहीं तैनात किया गया है। अनुमान है कि जून तक प्रमोट होने वाले किसी अफसर को डीजी इंटेलीजेंस का पद मिल सकता है। वहीं, मई के बाद डीजी आदित्य मिश्रा का भी रिटायरमेंट है, और जुलाई में डीजी होमगार्ड विजय कुमार मौर्य भी सेवा से विदा ले लेंगे।
इनको मिल सकता है प्रमोशन
यदि मई में तीनों डीजी स्तर के अधिकारी रिटायर हो जाते हैं, तो एडीजी स्तर के तीन अफसरों को डीजी के पद पर प्रमोट किया जाएगा। इसमें 1992 बैच के एडीजी एसआईटी आशुतोष पांडेय, एडीजी पुलिस मुख्यालय आनंद स्वरूप और एडीजी 112 नीरा रावत का नाम शामिल है। नीरा रावत के पास एडीजी प्रशासन का भी अतिरिक्त कार्यभार है।
इसके बाद, जून में डीजी आदित्य मिश्रा के रिटायरमेंट के बाद एडीजी जोन लखनऊ एसबी शिरडकर को डीजी के पद पर प्रमोट किए जाने की संभावना है, हालांकि यदि डीजीपी प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलता है, तो एसबी शिरडकर को इस पद के लिए जुलाई तक इंतजार करना पड़ सकता है।
अगले छह महीनों में दो और एडीजी अधिकारी भी रिटायर होने जा रहे हैं। इनमें से एक, एडीजी पीटीएस अजय आनंद का रिटायरमेंट अप्रैल 2025 में होगा, जबकि एडीजी एसीओ एन रविंदर 31 अगस्त को सेवा से विदा हो जाएंगे।
इन बदलते हुए घटनाक्रमों से प्रशासनिक दायित्वों में गहरी हलचल मच सकती है और अगले कुछ महीनों में कई महत्वपूर्ण पदों के लिए नियुक्तियों की प्रक्रिया तेज हो सकती है।