आजमगढ़ के तरवां थाने में हिरासत में लिए गए एक युवक की आत्महत्या के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष, एक सब-इंस्पेक्टर और एक सिपाही को तत्काल निलंबित कर दिया है। इस घटना की जांच के लिए पुलिस विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन ने भी मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
ये है मामला
29 मार्च को उमरी गांव की एक युवती ने जनता दरबार में शिकायत की थी कि गांव का सनी कुमार नामक युवक उसके साथ बार-बार छेड़खानी करता है। युवती का कहना था कि उसने इस संबंध में पहले भी पुलिस को शिकायत दी थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे हिरासत में लिया गया था।
रविवार को गिरफ्तार किए गए युवक का चालान तैयार किया जाना था, लेकिन अवकाश के कारण उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाना था। सोमवार सुबह युवक को शौच के लिए थाने के शौचालय भेजा गया, जहां उसने अपने पायजामे के नाड़े से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने तुरंत युवक को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल से कराया गया और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के शरीर पर किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं मिले हैं।
ये हुए सस्पेंड
चूंकि यह घटना थाने के भीतर हुई थी, इसलिए पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने तत्काल प्रभाव से थानाध्यक्ष अखिलेश पटेल, सब-इंस्पेक्टर भीम सिंह और सिपाही प्रमोद यादव को निलंबित कर दिया। जिलाधिकारी के आदेश पर मजिस्ट्रियल जांच के अलावा, उच्च न्यायालय और मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत भी मामले की समीक्षा की जा रही है।