पुलिस की प्रताड़ना बनी जानलेवा, युवक ने फांसी लगाकर दी जान, पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज

Share This

कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा गांव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गांव के रहने वाले 42 वर्षीय जीतू निषाद ने पुलिस प्रताड़ना से परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवार के अनुसार, पत्नी से विवाद के बाद पुलिस ने रिश्वत की मांग करते हुए उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया था।

पुलिस बर्ताव से आहत 

गांव का एक 42 वर्षीय शख्स जीतू निषाद, जो कभी तीन बेटियों के संग जिंदगी की नई शुरुआत की उम्मीद लिए गांव लौटा था, अब उसी गांव में फांसी के फंदे पर लटका मिला।

बताया जा रहा है कि पारिवारिक विवाद के बीच सुलह कराने की जगह पुलिस ने ऐसा बर्ताव किया कि जीतू की उम्मीदें ही टूट गईं। पहले पत्नी सुमन से अनबन हुई, फिर वह बेटियों को लेकर मायके चली गई। जीतू मनाने गया तो ससुराल पक्ष ने पुलिस बुला ली। और यहीं से शुरू हुई एक आम आदमी की असहायता की त्रासदी।

गांव की अस्थायी पुलिस चौकी में जीतू से मारपीट की गई। परिजनों का दावा है कि उसे छोड़ने के एवज में 20 हजार की मांग हुई। वह बेचारा खेत का अनाज बेचकर सिर्फ 5 हजार जुटा पाया। इसके बाद दोबारा बुलाकर अपमानित किया गया।

आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज

मानसिक तनाव, सामाजिक दबाव और प्रशासनिक उत्पीड़न—इन सबके बोझ तले दबा जीतू आखिरकार जिंदगी हार गया। गांव में विरोध भड़क उठा।

विधायक सरोज कुरील मौके पर पहुंचीं, डीसीपी दीपेंद्र चौधरी ने पुलिस की भूमिका पर सवाल मानते हुए सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया। फिलहाल, दारोगा गौरव सहूलिया, हेड कांस्टेबल रवि समेत मृतक की पत्नी सुमन और ससुर रामकिशोर के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *