गाजियाबाद के मसूरी इलाके में बीती 25 मई को जो कुछ हुआ, उसने उत्तर प्रदेश पुलिस व्यवस्था को भीतर तक झकझोर दिया। नोएडा पुलिस का एक बहादुर सिपाही सौरभ देशवाल कर्तव्य निभाते हुए भीड़ की गोली का शिकार बन गया। पर दुखद विडंबना यह है कि 26 दिन बाद भी यह साफ नहीं हो पाया है कि गोली चलाने वाला असल में था कौन।
कुल 18 गिरफ्तार
पुलिस अब तक 18 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से पांच को मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया, जबकि 31 लोगों को शांति भंग के आरोप में चालान किया गया है। बावजूद इसके, जिसने सौरभ की जान ली, वह पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है।
मामला नाहल गांव में एक शातिर चोर कादिर की गिरफ्तारी के दौरान हिंसा में तब्दील हो गया था। स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ ने पुलिस टीम पर अचानक पथराव और फायरिंग कर दी थी। इसी दौरान सौरभ को गोली लगी और वह सड़क पर गिर पड़े। उनके साथी उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए, पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इनामी में से सिर्फ एक गिरफ्तार
घटना के बाद जिन छह आरोपितों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था, उनमें से अब तक केवल एक की गिरफ्तारी हो सकी है। बाकी पांच आरोपी अभी फरार हैं। रविवार को एक नए संदिग्ध पर भी 25 हजार का इनाम घोषित किया जा रहा है।
डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्रनाथ तिवारी ने मामले की समीक्षा करते हुए जांच टीमें बदलने और तेजी से गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।