पुलिस थाना जहां जाते हुए आम आदमी के पैर लड़खड़ाने और कांपने लगते हैं. बात करने पर भी डर लगने लगता है. मगर अब वही पुलिस जिसका मिजाज कड़क और सहज नहीं था, उसे सुधारने की मुहिम शुरू हो गई है. आगरा के पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड़ ने शिष्टाचार संवाद नीति की शुरूआत की है. आगरा पुलिस अब ‘तुम’ या ‘तू’ के लहजे में नहीं बल्कि ‘आप’ कहकर लोगों को संबोधित करेगी. साथ ही फोन आने पर सबसे पहले वे आपको नमस्ते कहेंगे. नए साल पर नए कलेवर के साथ आगरा पुलिस दिखाई दे रही है.
सबसे पहले खड़ा होकर उसका स्वागत करे
आगरा पुलिस कमिश्नरेट में अब पुलिस के रवैया को बदलने के लिए पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने मुहीम शुरू कर दी है, और सभी थानेदारों को नया आदेश दिया है. कहा है अगर कोई भी फरियादी थाने में आता है, तो थानेदार सबसे पहले खड़ा होकर उसका स्वागत करे, फिर चाय नाश्ता कराने के साथ ही उसकी फरियाद को सुने. पहले जो पुलिस तू, तड़ाक करके बात करती थी, अब वह पुलिस आप, श्रीमान जैसे संबोधन करके बात करेगी. इसकी निगरानी के लिए अब आगरा के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जा रहे है, जिससे कि सभी पर नजर रखी जा सके. साथ ही अगर कोई थानेदार अपने रवैया में बदलाव नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.
कमिश्नरेट होने के बाद सबसे पहले थानों को
डीसीपी सोनम कुमार ने बताया कि पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड के आदेश पर शिष्टाचार संवाद नीति की शुरुआत की गई है. थाने में अपराधी नहीं बल्कि फरियादी आता है. फरियादी के साथ अगर पुलिस गलत व्यवहार करती है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस के कार्यालय हो या फिर थाने, सभी जगह पर फरियादी को इज्जत दी जाएगी. डीसीपी ने बताया कि कमिश्नरेट होने के बाद सबसे पहले थानों को हाइटेक किया गया. पुलिसकर्मियों के बैठने के स्थान को दुरुस्त किया. उनके पास बेहतर फर्नीचर है. थानों की बिल्डिगें खूबसूरत कर दी गई हैं. अब आम लोगों में पुलिस के प्रति आचरण में भी बदलाव आना चाहिए. इसके लिए नए साल से शिष्टाचार संवाद नीति की शुरूआत की है. फरियादियों के साथ संवाद बेहतर होना चाहिए. अगर पुलिस अधिकारी गलत लहजे में बात करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. पुलिस कमिश्नर ने आगरा पुलिस के आचरण को सुधारने के लिए 21 बिंदुओं की शिष्टाचार संवाद नीति की शुरूआत की है, जिसमें पुलिसकर्मियों के बर्ताव को बेहतर बनाने के निर्देश हैं.