जौनपुर के जफराबाद थाना क्षेत्र के किरतापुर सेवईनाला में हाल ही में बने एक पुलिस बूथ को 4 जुलाई को जेसीबी मशीन से ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देशों पर हुई, जिसने पाया कि उक्त निर्माण चारागाह (गौचर भूमि) पर अवैध रूप से किया गया था। इस पूरी कार्रवाई को देखकर स्थानीय निवासी हैरान रह गए।
सुरक्षा के नाम पर बना बूथ, लेकिन जमीन को लेकर हुआ बवाल
किरतापुर सेवईनाला में लंबे समय से सुरक्षा की मांग की जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने पुलिस बूथ बनाने का निर्णय लिया था। जिलेभर में करीब 100 नए बूथों के लिए जमीनों की पहचान की जा रही थी, और इसी क्रम में किरतापुर में भी एक स्थान चुना गया। कुछ ही समय में वहां निर्माण पूरा कर लिया गया और पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में उसका उद्घाटन भी धूमधाम से कर दिया गया।
बूथ का उद्घाटन तो हो गया, लेकिन निर्माण के बाद वहां की भूमि पर विवाद खड़ा हो गया। गांव के निवासी राम बुझारत यादव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करते हुए दावा किया कि यह भूमि चारागाह के रूप में दर्ज है, जहां किसी भी प्रकार का निर्माण गैरकानूनी है। याचिका के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच के बाद हाईकोर्ट ने 3 जुलाई 2025 को सख्त निर्देश देते हुए भूमि को खाली कराने का आदेश दिया।
अगले ही दिन 4 जुलाई को प्रशासन हरकत में आया। जफराबाद थाना प्रभारी विश्वनाथ प्रताप सिंह, तहसीलदार सौरभ कुमार और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। बुलडोजर से पुलिस बूथ को जमींदोज कर दिया गया। इस त्वरित कार्रवाई ने पुलिस और प्रशासन की भूमि जांच प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए।
एसपी ने मानी गलती, भविष्य में अधिक सतर्कता का वादा
जौनपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ ने इस मामले में प्रशासनिक चूक स्वीकार करते हुए कहा कि भूमि चयन में लापरवाही हुई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में जमीनों की वैधता की पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही कोई भी निर्माण कार्यकिया जाएगा।