उत्तराखंड पुलिस महकमे से जुड़ी एक चौंकाने वाली खबर ने रविवार को अचानक सुर्खियां बटोर लीं। राज्य की 2015 बैच की तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है। विजिलेंस एसपी के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहीं रचिता ने कुछ दिन पहले ही इस्तीफे का आवेदन राज्य सरकार को भेजा था।
जानकारी के मुताबिक ,आवेदन की एक प्रति पुलिस महानिदेशक कार्यालय को भी दी गई है। अब इस पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार के पास लंबित है, क्योंकि अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के इस्तीफे का अंतिम अनुमोदन दिल्ली से ही होता है।
उठ रहे सवाल
हालांकि, रचिता जुयाल के इस फैसले के पीछे निजी और पारिवारिक कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन उनके इस्तीफे की टाइमिंग और हालिया घटनाक्रम कई सवाल भी खड़े कर रहा है।
दरअसल, रचिता जुयाल हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई के चलते चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने विजिलेंस एसपी रहते हुए पहली बार पुलिस विभाग के ही एक दरोगा को रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया था। यह कार्रवाई आईएसबीटी चौकी के इंचार्ज के खिलाफ थी और इससे पूरे विभाग में हड़कंप मच गया था।
इन बातों से जोड़ा जा रहा इस्तीफा
इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस की सक्रियता और सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का असर माना गया। रचिता के नेतृत्व में विजिलेंस ने कई सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी थी। हाल ही में विभाग में एएसपी स्तर पर भी बदलाव हुए थे, जिनमें मिथिलेश कुमार का तबादला किया गया। अब रचिता जुयाल का इस्तीफा इन प्रशासनिक उलटफेरों से जोड़कर देखा जा रहा है।