यूपी में कानून आम जनता से लेकर पुलिसकर्मियों के लिए तक एक जैसा है, इस बात का उदाहरण राज्य के गोंडा जिले में सामने आया। यहां एक दारोगा साहब बिना हेलमेट बाइक चलाते हुए जा रहे थे। इस दौरान उन्हें किसी और ने नहीं बल्कि सीधा आईजी ने देखा। इसके बाद आईजी ने न केवल उनकी गलती को नोटिस किया बल्कि नियमों के अनुसार कार्रवाई भी की। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ये पूरा मामला है क्या।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, बीती शाम आईजी देवीपाटन मंडल अमित पाठक अपने अधीनस्थों के साथ शहर का जायजा लेने पैदल सड़क पर निकले थे। इस दौरान उनका मुख्य उद्धेश्य फुटपाथ पर किए गए अतिक्रमण को हटाना था। ऐसे में उन्होंने न सिर्फ दुकानदारों को चेतावनी दी, बल्कि सभी को समझाया भी। इसके साथ-साथ आईजी सड़क पर भई लगातार नजर बनाए हुए थे। इसी चेकिंग के दौरान जिले के महराजगंज पुलिस चौकी इंचार्ज बिना हेलमेट लगाए और मॉडिफाई साइलेंसर लगी बाइक से आते दिखे। जैसे ही आईजी ने चौकी इंचार्ज को देखा तो उन्होंने सीओ सीटी से कहकर बाइक को रुकवा लिया। इस दौरान दारोगा साहब भौचक्के रह गए। पहले तो चौकी इंचार्ज ने हेलमेट नहीं लगा रखा था, दूसरा उनकी बाइक में जो साइलेंसर लगा था, वो मोडिफाइड था। ऐसे में आईजी के सामने डरे हुए चौकी इंचार्ज कहने लगे कि ये बाइक उनकी नहीं है, पर आईजी ने उनकी एक नहीं सुनी और सीओ सिटी से कहा कि चालान करने के बाद उन्हें अपडेट किया जाए।
नहीं बर्दाश्त की जाएगी अनुशासनहीनता
इस मामले के माध्यम से आईजी ने एक स्पष्ट संदेश दिया कि कानून सबके लिए समान है, चाहे वह आम नागरिक हो या कोई पुलिस अधिकारी। यह घटना न केवल अनुशासन का उदाहरण है, बल्कि ट्रैफिक नियमों के महत्व को भी दर्शाती है। आईजी की त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि कानून के सामने सभी बराबर हैं और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।