गोरखपुर में हर साल एक महीने के लिए अस्थायी तौर पर एक नया थाना खोला जाता है, जिसमें बाकायदा पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाती है। ये सुनकर आपको भी अजीब लगा होगा, लेकिन ये सच है। यह एक अनूठी परंपरा है, और इसके पीछे धार्मिक और सामाजिक वजहें जुड़ी हुई हैं। यहां आज इस लेख में हम आपको इस अनोखे थाने के बारे में बताएंगे।
ये है थाने की स्थापना की वजह
जानकारी के मुताबिक, अस्थायी थाना गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के आसपास खोला जाता है। दरअसल, हर साल मकर संक्रांति के दौरान जब गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेले का आयोजन होता है, तब यह थाना खोला जाता है। मेला 14 जनवरी से शुरू होकर पूरे एक महीने तक चलता है। ऐसे में इसकी स्थापना हर साल 14 जनवरी से पहले की जाती है। थाने की स्थापना के पीछे की वजह है कि गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर खिचड़ी चढ़ाने और दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने, सुरक्षा बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इस अस्थायी थाने की स्थापना की जाती है। मेले में आने वाली भीड़ की संख्या लाखों में होती है, और यह थाना स्थानीय पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था संभालने में मदद करता है।
अन्य जनपदों से बुलाए जाते हैं पुलिसकर्मी
ऐसे में इस कानून व्यवस्था संभालने के लिए इस अस्थायी थाने में दर्जनों पुलिसकर्मी तैनात किए जाते हैं, जिन्हें अन्य जनपदों से भी बुलाया जाता है। इनमें सीनियर अधिकारी, सब-इंस्पेक्टर, कांस्टेबल और महिला पुलिसकर्मी शामिल होती हैं। इस दौरान इस अस्थायी थाने में सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं, जैसे कि CCTV कैमरा, लाउडस्पीकर, और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी की जाती है। मेला क्षेत्र की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे का भी उपयोग किया जाता है। मेले के समापन के बाद यह थाना बंद कर दिया जाता है, लेकिन इसका संचालन हर साल दोहराया जाता है।