हरियाणा में एडीजीपी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद मामला और गहराता जा रहा है। उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने प्रदेश के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
अमनीत ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाने में दोनों अफसरों के खिलाफ लिखित शिकायत दी है और तत्काल एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह शिकायत वह एक लोकसेवक नहीं, बल्कि एक मां और पीड़ित पत्नी के तौर पर कर रही हैं।
एसपी और डीजीपी पर आरोप
अमनीत का कहना है कि उनके पति पूरन कुमार एक ईमानदार और बेदाग अधिकारी थे, जिन्हें डीजीपी शत्रुजीत कपूर और उनके अधीनस्थ अधिकारियों ने वर्षों तक मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उन्होंने बताया कि पूरन ने अपनी मौत से कुछ दिन पहले ही उन्हें बताया था कि डीजीपी और उनके कुछ लोग मिलकर उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
आईएएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि डीजीपी के निर्देश पर रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने उनके पति के स्टाफ सदस्य सुशील के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई, ताकि बाद में उसी केस के बहाने पूरन कुमार को फंसाया जा सके। यह सब एक योजनाबद्ध तरीके से किया गया। उन्होंने कहा कि लगातार अपमान और भेदभाव के कारण उनके पति टूट गए और आत्महत्या करने को मजबूर हो गए।
आईपीएस को करना पड़ता था भेदभाव का सामना
अमनीत ने यह भी दावा किया कि पूरन कुमार को जातिगत आधार पर भेदभाव और अपमान का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि यह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत एक गंभीर अपराध है।
उन्होंने चेतावनी दी कि डीजीपी और एसपी दोनों प्रभावशाली पदों पर हैं, जो सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। अमनीत ने कहा, “न्याय सिर्फ होना नहीं चाहिए, बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए। मेरे पति को न्याय और मेरे बच्चों को जवाब चाहिए।”