गाजियाबाद जिले में कानून व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ ने बीट सिस्टम को सक्रिय और जवाबदेह बना दिया है। अब छोटी-बड़ी हर घटना की पहली जिम्मेदारी बीट पुलिस ऑफिसरों (BPO) की होगी। इस नई व्यवस्था के तहत गाजियाबाद को तीन जोन में बांटकर कुल 2096 बीपीओ तैनात किए गए हैं।
ये है नई व्यवस्था
नवीन व्यवस्था के तहत शहरी इलाकों में पांच हजार और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन हजार की आबादी के मानक पर बीट तय की गई हैं। इनमें सिटी जोन में 512, ट्रांस हिंडन जोन में 693 और ग्रामीण जोन में 891 बीट शामिल हैं। खोड़ा थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा 195 बीट बनाई गई हैं, जबकि निवाड़ी और मधुबन बापूधाम में सबसे कम 40-40 बीट हैं।
पुलिस कमिश्नर के अनुसार बीपीओ को क्षेत्र की गतिविधियों, अपराधियों, महत्वपूर्ण संस्थानों और आमजन से संबंधित जानकारियों की बीट बुक सौंपी गई है। उन्हें पासपोर्ट, किराएदार, शस्त्र लाइसेंस, नौकर वेरिफिकेशन सहित तमाम प्रकार की जांच समयबद्ध तरीके से पूरी करनी होगी।
महिला पुलिसकर्मी को भी मिली जिम्मेदारी
महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी भी इस सिस्टम में सुनिश्चित की गई है। बीपीओ अपराधियों पर नजर रखने के साथ ही घटनास्थल का निरीक्षण, गिरफ्तारी, गोकशी, सट्टेबाजी और नशे की तस्करी जैसे मामलों में कार्रवाई करेंगे।
सिटीजन चार्टर के तहत पासपोर्ट वेरिफिकेशन 15 दिन और अन्य वेरिफिकेशन 10 दिन में पूरे करने की समय सीमा तय की गई है। पुलिस कमिश्नर ने रिश्वत के मामलों की शिकायत के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक करते हुए सख्त मॉनिटरिंग का संकेत दिया है।