गाजियाबाद में हालिया हुए पुलिस कमिश्नर के तबादले को लेकर अब कई सवाल उठ रहे हैं। खासतौर पर यह कि क्या बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर से हुए कथित दुर्व्यवहार के चलते ही अजय कुमार मिश्रा को पद से हटाया गया? राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा अब जोरों पर है कि ‘फटे कुर्ते की अदावत’ ने अफसर की कुर्सी छीन ली।
ऐसे शुरू हुआ था विवाद
जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला 20 मार्च को निकली रामकथा कलश यात्रा से जुड़ा है, जब पुलिस ने लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर की यात्रा को रोक दिया था। इस दौरान पुलिस और विधायक के बीच तीखी नोकझोंक हुई और विधायक का कुर्ता तक फट गया। इसके बाद से ही वह फटे कुर्ते में सार्वजनिक रूप से घूमते रहे, यहां तक कि नंगे पांव लखनऊ पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से भी मुलाकात की।
विधायक ने अजय मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए कि उन्होंने धार्मिक यात्रा को जानबूझकर रोका और कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता की। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वे बसपा सरकार से ही यात्रा निकालते आ रहे हैं, लेकिन अब इसे अपराध जैसा बना दिया गया।
लोनी में जश्न का माहौल
अब पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा के तबादले के बाद लोनी में जश्न का माहौल दिखा। ढोल-नगाड़ों के साथ विधायक समर्थक उनके घर पहुंचे और अब विधायक से अनुरोध कर रहे हैं कि वे अब फटा कुर्ता पहनना छोड़ दें। सरकार की तरफ से इस तबादले को ‘कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने की प्रक्रिया’ बताया गया है, लेकिन पृष्ठभूमि को देखते हुए राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं।