पुलिस व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ ने एक नई पहल की है। जिले के सभी थाना प्रभारियों और अधिकारियों के साथ पुलिस लाइन में हुई बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर दर्ज एफआईआर की एक प्रति पीड़ित व्यक्ति के घर तक पहुंचाई जाएगी। इस कदम का उद्देश्य पुलिस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना और पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाना है।
बरती जाए सख्ती
कमिश्नर ने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी थाना क्षेत्र में यदि सट्टा, जुआ, अवैध शराब बिक्री, भू-माफिया गतिविधियां या अवैध कब्जे की सूचना मिलती है, तो संबंधित थाना प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ कर दिया कि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, बच्चों, दिव्यांगजनों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता बरतने पर जोर दिया। इन वर्गों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार होने पर दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।
थाना प्रभारी करेंगे ये काम
जनता से बेहतर संवाद स्थापित करने के लिए थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रतिदिन सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक आम जनता से मिलें और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करें। रिश्वतखोरी को रोकने के लिए भी सख्त निर्देश जारी हुए हैं। किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ रिश्वत लेने की शिकायत मिलने पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने, बीट प्रणाली को मजबूत करने, चरित्र सत्यापन और जांच प्रक्रिया को गंभीरता से लेने की बात भी कमिश्नर ने कही। क्रॉस एफआईआर के मामलों में जांच के बाद ही कार्रवाई सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया है।