पूरे 14 साल की कार्रवाई के बाद अब जाकर आईपीएस अधिकारी कल्पना सक्सेना की हत्या की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया गया है। अदालत के विशेष न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया। सजा की घोषणा के लिए अदालत ने 24 फरवरी 2025 की तारीख निर्धारित की है। आइए आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला है क्या ?
ये था मामला
जानकारी के मुताबिक, सितंबर 2010 में उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (यातायात) कल्पना सक्सेना पर चार पुलिसकर्मियों ने जानलेवा हमला किया। यह घटना तब हुई जब एसपी सक्सेना को सूचना मिली कि नकटिया पुल के पास कुछ सिपाही ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे हैं।
सूचना के आधार पर, उन्होंने तुरंत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर सिपाहियों रविंद्र, मनोज कुमार, रवेंद्र सिंह, और धर्मेंद्र को रंगे हाथों पकड़ने का प्रयास किया। सिपाहियों ने अपनी पहचान उजागर होते देख, वहां से भागने की कोशिश की।
एसपी सक्सेना ने सिपाही मनोज कुमार को रोकने के लिए उसका कॉलर पकड़ा, लेकिन मनोज ने गाड़ी तेज़ गति से चला दी, जिससे एसपी सक्सेना काफी दूर तक घिसटती रहीं और गंभीर रूप से घायल हो गईं। इस दौरान अन्य सिपाहियों ने भी उन्हें धक्का देकर सड़क पर गिरा दिया।
घटना के तुरंत बाद, एसपी सक्सेना को अस्पताल में भर्ती कराया गया और कैंट थाने में चारों सिपाहियों के खिलाफ हत्या के प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा डालने, और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
24 फरवरी को सुनाई जाएगी सजा
करीब 14 वर्षों तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद, विशेष भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने चारों पुलिसकर्मियों को हत्या के प्रयास का दोषी पाया। अदालत के विशेष न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया। सजा की घोषणा के लिए अदालत ने 24 फरवरी 2025 की तारीख निर्धारित की है। वर्तमान समय में आईपीएस कल्पना सक्सेना वर्तमान में गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में डीआईजी के पद पर तैनात हैं।