पुलिस अफसर कभी भी ड्यूटी में लापरवाही करने वाले अधीनस्थों को और रिश्वतखोर अधीनस्थों को बख्शते नहीं है। इस बात को साबित किया है बरेली जिले में एक डीएसपी ने। दरअसल, बरेली में एक डीएसपी ने थाना बहेड़ी क्षेत्र की भुडिया कॉलोनी चौकी के इंचार्ज दीपचंद को 50,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह घटना पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का उदाहरण है, जिससे कानून व्यवस्था में जनता का विश्वास बना रहे।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, ये पूरा मामला बरेली जिला के थाना बहेड़ी इलाके का है, जहां उत्तराखंड प्रदेश के किच्छा कस्बे के रहने वाले जीशान और दानिश नाम के दो भाइयों के बीच मुकदमेबाजी चल रही है। दोनों के मुकदमों की जांच थाना बहेड़ी मैं तैनात सब इंस्पेक्टर दीपचंद कर रहे थे। जिशान मलिक ने आरोप लगाया कि उनके चाचा और भाइयों पर दर्ज एक मुकदमे में चौकी इंचार्ज दीपचंद ने गिरफ्तारी से बचाने और केस निस्तारण के बदले 50,000 रुपये रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, दरोगा ने धमकी दी थी कि यदि पैसे नहीं दिए गए, तो उनके परिवार के सभी सदस्यों को जेल भेज दिया जाएगा। शिकायत मिलने पर डिप्टी एसपी यशपाल सिंह ने प्राथमिक जांच की और आरोप सही पाए जाने पर एक ट्रैप टीम का गठन किया। योजना के तहत सोमवार रात शिकायतकर्ता को चिह्नित 50,000 रुपये के साथ चौकी भेजा गया। जैसे ही दरोगा दीपचंद ने यह राशि स्वीकार की, डिप्टी एसपी यशपाल सिंह और उनकी टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया।
भेजा गया जेल
गिरफ्तारी के समय टीम ने रिश्वत की रकम, एक मोबाइल फोन, नकद 3,000 रुपये, और एक पिस्तौल भी जब्त की। चिह्नित नोटों पर फॉरेंसिक जांच के लिए केमिकल लगाया गया था, जो दरोगा के हाथ धोने पर स्पष्ट हुआ। एंटी करप्शन क्षेत्राधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि आरोपित दरोगा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 13(1)(बी), और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार दरोगा दीपचंद को कोर्ट में पेश किया जाएगा।