जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने एक उच्चस्तरीय बैठक कर सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए। बैठक में सभी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। प्रदेश की सुरक्षा के संबंध में सभी जोनल एडीजी, आईजी/डीआईजी, रेलवे पुलिस, सिक्योरिटी, इंटेलिजेंस, यूपी-112, एसएसपी और जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देशित किया गया है।
दिए ये निर्देश
सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा: भारत-नेपाल सीमा से सटे जिलों में स्थानीय पुलिस/प्रशासनिक अधिकारियों के समन्वय से बॉर्डर पर पर्याप्त पुलिस व्यवस्था कर पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। सभी टोल प्लाज़ा पर भी सुरक्षा सुनिश्चित हो।
संवेदनशील जिलों में तैयारी: महराजगंज, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, खीरी, पीलीभीत, बलरामपुर, बहराइच आदि जिलों में लोकल एसएचओ के साथ समन्वय कर चेकपोस्ट्स पर फोर्स और नाकाबंदी सुनिश्चित की जाए।
प्रदेश भर में हाई अलर्ट: सभी जिलों एवं रेंजों के वरिष्ठ अधिकारी हाई अलर्ट पर रहते हुए लगातार निरीक्षण करें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने को तैयार रहें।
झुंड में उपद्रव की संभावना पर तैयारी: भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पुलिस बल और पीएसी की विशेष तैनाती रहेगी। क्षेत्रीय अधिकारी के नेतृत्व में फ्लैग मार्च निकाले जाएंगे।
गहन गश्त और चेकिंग: सभी थानों/जांच चौकियों पर अतिरिक्त गश्त, ड्रोन कैमरों से निगरानी, CCTV एक्टिवेशन और त्वरित रिस्पॉन्स सुनिश्चित किया जाए।
धार्मिक स्थलों की विशेष निगरानी: पूजा स्थलों के आसपास विशेष सुरक्षा, बेवजह भीड़ पर नजर, लाउडस्पीकरों और धार्मिक गतिविधियों पर नियंत्रण के निर्देश।
ट्रांसपोर्ट और स्टेशन सुरक्षा: सभी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर विशेष चेकिंग और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मीडिया समन्वय: मीडियाकर्मियों से संवाद बनाए रखते हुए अफवाहों से बचने के निर्देश दिए गए हैं।
छात्रों, पर्यटकों और व्यापारियों की सुरक्षा: टेनी से आने वाले भारतीय नागरिकों विशेषकर छात्रों, पर्यटकों और व्यापारियों की सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाए।
होटल, गेस्ट हाउस और नए किरायेदार: होटल व गेस्टहाउस में सत्यापन सुनिश्चित हो। नए किरायेदारों पर विशेष निगरानी रखी जाए।
सोशल मीडिया पर निगरानी: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर निरंतर नजर रखते हुए किसी भी अफवाह या भड़काऊ पोस्ट पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
संवेदनशील स्थानों की पहचान: स्थानीय स्तर पर संवेदनशील स्थलों की पहचान कर वहां त्वरित पुलिस रिस्पॉन्स की व्यवस्था की जाए।
30 अप्रैल तक भेजें जाएं वापस
भारत सरकार और उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार नेपाल से प्रवासित होने वाले योग्य भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। शेष बचे नागरिकों की वापसी 30 अप्रैल 2025 तक पूरी कर ली जाएगी।