उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया और डीजीपी प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को एक खास मौके पर ओलंपियन वंदना कटारिया को सम्मानित किया। ये सम्मान समारोह पुलिस मुख्यालय में आयोजित किया गया, जहां हॉकी के मैदान में देश का नाम रोशन करने वाली वंदना को उनके असाधारण योगदान के लिए सराहा गया। वंदना कटारिया हाल ही में अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास ले चुकी हैं, लेकिन उनके 15 वर्षों के करियर की गूंज अब भी खेल जगत में सुनाई देती है।
कौन हैं वंदना
हरिद्वार के रोशनाबाद की रहने वाली वंदना ने अपनी खेल यात्रा मेरठ से शुरू की थी। एनएएस कॉलेज के मैदान से उनकी मेहनत और हुनर ने उन्हें राष्ट्रीय टीम तक पहुंचाया। उन्होंने न सिर्फ देश का प्रतिनिधित्व किया, बल्कि कई अहम टूर्नामेंट्स में टीम को गौरव भी दिलाया। रियो ओलंपिक 2016 में टीम को 12वां स्थान और टोक्यो ओलंपिक 2020 में चौथे स्थान तक पहुंचाने में उनका अहम योगदान रहा।
राष्ट्रमंडल खेलों में भी वंदना की मौजूदगी दमदार रही। 2022 के गेम्स में उनकी टीम ने कांस्य पदक हासिल किया। वहीं, महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के 2016, 2022 और 2023 संस्करणों में भारत ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया, जिसमें वंदना की भूमिका निर्णायक रही।
डीजीपी ने कहा ये
उनकी उपलब्धियों को देश ने भी बड़े स्तर पर सराहा। उन्हें 2022 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। 2021 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड और धनराज पिल्लै पुरस्कार भी मिल चुका है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि वंदना जैसी खिलाड़ी युवाओं के लिए आदर्श हैं और उनकी उपलब्धियां अगली पीढ़ियों को भी प्रेरित करती रहेंगी।