प्रयागराज में आयोजित भव्य महाकुंभ के आयोजन के दौरान, बीते 45 दिनों में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस विराट जनसमूह के सुरक्षित और व्यवस्थित स्नान के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभूतपूर्व कार्य किया है। महाकुंभ 2025 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने जिस उत्कृष्टता के साथ भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, और तकनीकी नवाचारों का परिचय दिया है, वह विश्वभर के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुका है।
पुलिस बल की सतर्कता, अनुशासन, और समर्पण ने इस धार्मिक आयोजन को ऐतिहासिक सफलता दिलाई है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में, पुलिस ने आधुनिक तकनीकों और कुशल रणनीतियों का उपयोग करते हुए ऐसा भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा मॉडल प्रस्तुत किया, जो विश्वभर में अपनी मिसाल आप है। ऐसे में अब यूपी डीजीपी ने पुलिस बल के काम की सराहना की है।
डीजीपी ने पुलिस प्रशासन की सराहना की
डीजीपी ने पुलिसकर्मियों के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह पूरी व्यवस्था केवल उत्तर प्रदेश पुलिस के अथक प्रयासों और नवीनतम तकनीकों के उपयोग से संभव हो पाई है। इस दौरान पुलिस ने बिना शस्त्र के, अपने व्यवहार और संयम से करोड़ों श्रद्धालुओं का दिल जीता। यह न केवल पुलिस प्रशासन बल्कि पूरे शासन के लिए गर्व की बात है। पुलिस बल ने विश्वस्तरीय तकनीकों का भरपूर उपयोग किया, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही।
अन्य संस्थानों और एजेंसियों के सहयोग से एक ऐसा मॉडल तैयार किया गया, जिसे पहले कभी वैश्विक स्तर पर नहीं देखा गया। रेलवे के साथ भी उत्तर प्रदेश पुलिस और जीआरपी ने बेहतरीन समन्वय स्थापित किया, जिससे यात्रियों की आवाजाही सुगम बनी रही।
अन्य धार्मिक स्थलों पर भी पुलिस की मुस्तैदी
महाकुंभ के दौरान उत्तर प्रदेश के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों, जैसे काशी विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या, और विंध्यवासिनी देवी मंदिर में भी प्रतिदिन पांच से दस लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते रहे। इन स्थलों पर भी पुलिस ने अपनी दक्षता का परिचय देते हुए भीड़ प्रबंधन को बखूबी संभाला।
खोया-पाया सेवा और श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
डीजीपी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान पुलिस ने केवल भीड़ प्रबंधन ही नहीं, बल्कि मानव सेवा में भी अपनी उत्कृष्टता साबित की। पिछले 45 दिनों में पुलिस ने करीब 30,000 से अधिक गुमशुदा व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलाने में मदद की। यह एक ऐसा मॉडल बन चुका है, जिसे अन्य राज्य भी अपना सकते हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की ही नहीं, बल्कि यह भी ध्यान रखा कि वे बिना किसी परेशानी के स्नान कर सकें और सुरक्षित अपने गंतव्य तक लौट सकें।