फर्रुखाबाद में वर्षों पहले कलुआ डकैत का आतंक रहा। बदायूं, एटा, शाहजहांपुर में उसका आतंक था। 19 वर्ष पहले फर्रुखाबाद जनपद के कंपिल थाना क्षेत्र के अंतर्गत डकैत कलुआ के साथी देवेंद्र फौजी ने तीन पुलिस कर्मियों सहित एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी। मामले में शुक्रवार को कलुआ के साथी देवेंद्र उर्फ फौजी को विशेष न्यायाधीश एंटी डकैती कृष्ण कुमार ने फांसी की सजा सुनाई है। दोषी पर 7.05 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है।
दो नावों पर सवार होकर
कंपिल थाने के तत्कालीन दरोगा आनंद कुमार सिपाहियों, पीएसी जवानों व ग्रामीणों के साथ नौ सितंबर 2005 को डकैत कलुआ की तलाश में कटरी में कॉबिंग करने गए थे। वह सींगनपुर कटरी से दो नावों पर सवार होकर गंडुआ गांव की ओर जा रहे थे। इसी दौरान शाहजहांपुर के थाना परौल क्षेत्र के गांव पूरननगला निवासी डकैत कलुआ यादव, जलालाबाद गांव चचुआपुर निवासी नरेश धीमर, थाना कलान गांव कारव निवासी विनोद पंडित व छह अज्ञात बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। डकैतों की फायरिंग में नाव सवार पीएसी के एचसीपी चंद्रपाल सिंह, सिपाही इशरत अली, दिलीप कुमार व ग्रामीण दृगपाल की मौके पर मौत हो गई। जबकि पीएसी जवान कमलेश दीक्षित, सिपाही ओमप्रकाश यादव, राजेश सिंह राठौर, रमेश बाबू, ग्रामीण बदन सिंह यादव, रामनरेश, श्रीपाल घायल हो गए थे।
दरोगा की तहरीर पर दर्ज हुआ था मुकदमा
दरोगा आनंद कुमार की तहरीर पर नरेश धीमर, कलुआ यादव, विनोद पंडित, जनपद पीलीभीत कोतवाली बीसलपुर गांव परनिया निवासी देवेंद्र कुमार उर्फ फौजी, थाना कंपिल के गांव पुंथर निवासी राम सिंह व 6 अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। नरेश धीमर पुलिस मुठभेड़ में फर्रुखाबाद और डकैत कलुआ बरेली में मारा गया था। विवेचक ने सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। 19 जनवरी को मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने गवाह व साक्ष्य के आधार पर देवेंद्र कुमार फौजी को दोषी करार किया था। साक्ष्य के अभाव में राम सिंह को बरी कर दिया था। शुक्रवार को न्यायाधीश ने दोषी देवेंद्र कुमार उर्फ फौजी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर फांसी की सजा सुनाई। दोषी पर सात लाख पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाया। अर्थदंड नहीं देने पर दोषी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। देवेंद्र फौजी बरेली जेल में बंद है।