राष्ट्रपति भवन में होगी CRPF असिस्टेंट कमांडेंट पूनम गुप्ता की शादी, जानें इनके बारे में

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राष्ट्रपति भवन में पहली बार किसी अफसर की शादी हो रही है। जी हां, सुनने में ये अजीब लगे लेकिन जल्द ही राष्ट्रपति भवन स्थित मदर टेरेसा क्राउन परिसर में शहनाई गूंजने वाली है। दरअसल, पूनम गुप्ता जोकि सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं और वर्तमान समय में राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात हैं, उनकी शादी राष्ट्रपति भवन स्थित मदर टेरेसा क्राउन में होने वाली है। शादी की तारीख 12 फरवरी है, जिसकी तैयारियों में हर कोई जुटा हुआ है।

अच्छे आचरण की वजह से मिला ये तोहफा

जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के शिवपुरी की रहने वाली पूनम गुप्ता की शादी उनके जीवन का अहम पल होने वाली है। वर्तमान समय में सीआरपीएफ की महिला असिस्टेंट कमांडेंट पूनम गुप्ता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पीएसओ के पद पर तैनात हैं। पूनम के अच्छे आचरण और व्यवहार के कारण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनसे बेहतर प्रभावित है। इसी के चलते पूनम की शादी के लिए राष्ट्रपति भवन की मदर टेरेसा क्राउन परिसर को विवाह के लिए उपलब्ध हो रहा है।

ये शादी राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशों और सरकारी प्रोटोकॉल के अनुरूप आयोजित की जाएगी। शादी के आयोजन में सभी सुरक्षा और प्रशासनिक इंतजाम पूरी तरह से सुनिश्चित किए जाएंगे। उनकी इस शादी में अब चुनिंदा मेहमान ही शामिल होंगे। फिलहाल जैसे ही यह जानकारी मिली है कि पूनम की शादी राष्ट्रपति भवन में होगी, घर में खुशियों की लहर दौड़ गई है।

कौन हैं पूनम गप्ता

आपको बता दें कि असिस्टेंट कमांडेंट पूनम के पिता शिवपुरी की श्रीराम कॉलोनी में रहते हैं। वे नवोदय विद्यालय मगरौनी में कार्यालय अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। पूनम श्योपुर के जवाहर नवोदय विद्यालय की छात्रा हैं। उन्होंने 2023 में गणतंत्र दिवस परेड में सीआरपीएफ की महिला टुकड़ी का नेतृत्व किया।

पूनम गुप्ता गणित में स्नातक और अंग्रेजी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएट किया है। उन्होंने जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से बीएड भी किया। पूनम ने यूपीएससी सीएपीएफ परीक्षा-2018 में 81वीं रैंक हासिल की और उसके बाद वो सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बनीं।

राष्ट्रपति भवन में अफसर की शादी का यह आयोजन भारत के प्रशासनिक तंत्र में बदलाव और नई सोच की ओर एक कदम है। पूनम गुप्ता की शादी न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन का खास पल है, बल्कि यह भारत के शासन प्रणाली में भी एक ऐतिहासिक बात होगी।

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