संभल के सीओ अनुज चौधरी को उनके कथित विवादित बयान को लेकर हुए विवाद में यूपी पुलिस मुख्यालय की जांच में क्लीनचिट मिल गई है। पुलिस मुख्यालय के एसपी लॉ एंड ऑर्डर द्वारा की गई जांच में यह निष्कर्ष निकला कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई मजबूत साक्ष्य नहीं मिले।
पूर्व आईपीएस ने लगाए थे आरोप
यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने IGRS पोर्टल पर अनुज चौधरी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। ठाकुर ने आरोप लगाया कि चौधरी ने जानबूझकर सरकारी सेवक आचरण नियमों का उल्लंघन किया है। इस शिकायत पर डीजीपी कार्यालय ने एसपी लॉ एंड ऑर्डर को जांच सौंपी थी।
जांच के दौरान अनुज चौधरी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की जिससे किसी धर्म विशेष की भावना आहत हो। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उनके बयान को राजनीतिक लाभ के लिए तोड़-मरोड़कर पेश किया और धर्म से जोड़ दिया।
इन मामलों पर उठे थे सवाल
गौरतलब है कि ये पूरा विवाद होली से पहले हुई पीस कमेटी की बैठक के बाद शुरू हुआ था, जहां अनुज चौधरी ने कहा था कि “जिन्हें रंगों से परेशानी है, वे होली के दिन घरों से न निकलें” और “जुमे की नमाज साल में 52 बार आती है, लेकिन होली साल में सिर्फ एक बार होती है।” इसके साथ ही उन्होंने सभी से आग्रह किया कि कोई किसी पर जबरन रंग न डाले।
ईद से पहले भी उन्होंने कहा था कि “अगर सेवई खानी है तो गुझिया भी खानी होगी।” इस बयान को लेकर कुछ वर्गों ने नाराजगी जताई थी, लेकिन जांच में कोई ठोस आधार नहीं मिला। इसके आधार पर अब जाकर उन्हें क्लीन चिट मिल गई है।