मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में ड्यूटी के दौरान रील या वीडियो बनाने वाले पुलिसकर्मियों पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने साफ निर्देश दिए हैं कि ऐसे पुलिसकर्मियों की संवेदनशील ड्यूटी पॉइंट्स पर तैनाती तुरंत रोकी जाए।
मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि वर्दी केवल शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि अनुशासन, सेवा और मर्यादा का प्रतीक है। ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर रील या वीडियो बनाना पुलिस की गरिमा के विपरीत है और जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाता है। उन्होंने दो टूक कहा कि “वर्दी में दिखावा नहीं, सेवा झलकनी चाहिए।”
अफसर करें निगरानी
योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि वरिष्ठ अधिकारी अपने-अपने जिलों में ऐसे मामलों की निगरानी करें और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त न की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जनता पुलिस को भरोसे के प्रतीक के रूप में देखती है, इसलिए ड्यूटी के दौरान अनुशासन और मर्यादा सर्वोपरि होनी चाहिए।
सीएम ने ये भी कहा
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ड्यूटी के समय मोबाइल फोन से रील या वीडियो बनाना न केवल अनुशासनहीनता है, बल्कि यह पुलिस की पेशेवर छवि को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे कर्मियों की पहचान कर उन्हें तुरंत संवेदनशील ड्यूटी स्थानों से हटाया जाए।
योगी आदित्यनाथ का यह संदेश प्रदेश भर के पुलिसकर्मियों को अनुशासन और सेवा भावना की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा ही वास्तविक ‘रील’ है, जिसे शब्दों या कैमरे से नहीं, कर्म से दिखाना चाहिए।