उत्तर प्रदेश सरकार ने सीओ संभल अनुज चौधरी को पूर्व में दी गई क्लीन चिट को निरस्त करते हुए मामले की दोबारा जांच शुरू कर दी है। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद अब उन्हें तीन दिन के भीतर अपने दावों से जुड़े साक्ष्य और कथन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। यह आदेश एएसपी संभल श्रीश चंद्र ने शासन के निर्देशों के तहत जारी किया है।
पूर्व आईपीएस ने लगाए ये आरोप
दरअसल, पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने सीओ अनुज चौधरी पर आरोप लगाए थे कि वे सेवा और वर्दी नियमों का बार-बार उल्लंघन कर रहे हैं। उन पर यह भी आरोप है कि वे बिना अधिकारिक स्थिति के बयानबाजी करते हैं और पुलिस कार्यों में सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करते हैं, जिससे क्षेत्रीय माहौल तनावग्रस्त होता है और वर्ग विशेष में असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती है।
पहले इस मामले में एएसपी ने जांच कर यह रिपोर्ट दी थी कि जुमा अलविदा, होली और ईद जैसे पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए और शिकायत में लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई। इस आधार पर मामला बंद कर दिया गया था।
हालांकि, अमिताभ ठाकुर ने इस पर आपत्ति जताते हुए डीजीपी को पत्र लिखा कि शिकायतकर्ता के बयान लिए बिना क्लीन चिट देना शासनादेशों के खिलाफ है। उन्होंने आग्रह किया कि उन्हें भी पक्ष रखने का अवसर दिया जाए।
मांग हुई स्वीकार
अब शासन ने यह मांग स्वीकार करते हुए मामले को फिर से खोल दिया है। सीओ अनुज चौधरी पूर्व में जामा मस्जिद विवाद को लेकर भी सुर्खियों में आ चुके हैं और उनके एक बयान पर राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं।