आगरा पुलिस की कार्यशैली को और भी ज्यादा एडवांस बनाने के लिए अब नए कानून के तहत कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। जो नया कानून लागू हुआ है उसके अंतर्गत अब विवेचक को घटना स्थल पर जाकर उसका वीडियो और फोटो लेना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, इन्हें ई-साक्ष्य एप पर अपलोड भी करना होगा। इसी के चलते विवेचकों को सरकारी खर्च पर मोबाइल और टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए कमिश्नरेट में तीन करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिसके तहत 1683 मोबाइल और 139 टैबलेट खरीदे जाएंगे। आने वाले समय में विवेचना, जब्ती और तलाशी की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी।
आरोपों से बचेगी पुलिस
जानकारी के मुताबिक, अक्सर अधिवक्ता विवेचक पर ये आरोप लगाते थे कि वह घटना स्थल पर नहीं गया या वहां का नक्शा नहीं बनाया। ऐसे में मोबाइल होने के बाद और अब सभी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से पुलिस का पक्ष मजबूत होगा।
एक बार साक्ष्य ऑनलाइन अपलोड होने के बाद उनमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी। इसके अलावा, विवेचक चाहकर भी आरोपित पक्ष को कोई लाभ नहीं पहुंचा पाएगा। कोर्ट ने ऑनलाइन वीडियो भी दिखाया जा सकता है, जिससे पुलिस पर आरोप नहीं लगेंगे।
विवेचकों के साथ साथ पुलिसकर्मी उस वक्त भी मोबाइल का इस्तेमाल करेंगे, जब किसी आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी। आरोपित की गिरफ्तारी का वीडियो भी तैयार किया जाएगा और सभी वीडियो ऑनलाइन एप पर अपलोड किए जाएंगे। इसी अभियान के अंतर्गत अब कमिश्नरेट में तैनात इंस्पेक्टरों और दरोगाओं को एक-एक सरकारी मोबाइल मिलेगा, जिसे वे थाने में जमा कराकर अपने साथ ले जाएंगे।
डीसीपी ने दी जानकारी
डीसीपी मुख्यालय सय्यद अली अब्बास ने जानकारी देते हुए बताया कि मोबाइल और टैब की खरीद के लिए कमेटी बनाई गई हैं। एडीजी जोन आगरा अनुपम कुलश्रेष्ठ कमेटी की अध्यक्ष हैं। पुलिस कर्मियों के लिए कौन सा मोबाइल लिया जाए, इस बात का फैसला काफी सोच विचार के लिया जाएगा। फिलहाल बजट भी आवंटित हो गया है, ऐसे में जल्द ही मोबाइल और टैबलेट खरीदे जाएंगे।