उत्तर प्रदेश काडर के 2011 बैच के चर्चित IAS अधिकारी अभिषेक सिंह के इस्तीफे को आखिरकार उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अभिषेक सिंह ने पिछले साल अक्टूबर में अपना इस्तीफा सौंप दिया था। जिसके बाद गुरुवार यानी 29 फरवरी को केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद यूपी सरकार ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। ख़बरों के अनुसार उन्होंने ये इस्तीफा आगामी लोकसभा चुनाव में जौनपुर सीट से ही चुनाव में उतरने के लिए दिया है। अभिषेक सिंह का करियर हमेशा विवादों में रहा। पिछले साल लंबी गैरहाजिरी के कारण उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने सरकार को अपना इस्तीफा दिया था। बताते चलें कि अभिषेक सिंह ने कई वेब सीरीज और फिल्मों में भी काम किया है। वो फेमस IAS अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के पति हैं।
दिल टूटने के बाद उन्होंने सुसाइड करने की सोची
अभिषेक सिंह ने साल 2011 में यूपीएससी की परीक्षा क्लियर की. आईएएस अधिकारी बनने की उनकी कहानी फिल्म ‘शादी में जरूर आना’ के सत्तू से एकदम मिलती है. अभिषेक को प्यार में धोखा मिला तो कुछ बड़ा करने का जुनून सवार हो गया और वह आईएएस बन गए. ऐसा अभिषेक का कहना है कि दिल टूटने के बाद उन्होंने सुसाइड करने की सोची, लेकिन खुद को संभाला और यूपीएससी की तैयारी में जुट गए. यूपीएससी क्लियर किया और 94वीं रैंक हासिल की. यूपीएससी की तैयारी के दौरान उनकी मुलाकात दुर्गा शक्ति नागपाल से हुई और दोनों ने साल 2012 में शादी कर ली. दुर्गा शक्ति नागपाल इस समय यूपी के बांदा जिले में डीएम हैं.
यूपी की योगी सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर
अभिषेक सिंह ने साल 2013 में अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत झांसी में जॉइंट मजिस्ट्रेट के तौर पर की थी. साल 2014 में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया और साल 2015 में उन्हें प्रतिनियुक्त कर तीन साल के लिए दिल्ली भेज दिया गया. यह अवधि दो साल के लिए और बढ़ा दी गई और इसी बीच अभिषेक सिंह मेडिकल लीव पर चले गए. जब वह लंबे समय तक वापस नहीं लौटे तो 19 मार्च 2020 को उनका ट्रांसफर दोबारा यूपी कर दिया गया. फिर भी उन्होंने लंबे समय तक ड्यूटी जॉइन नहीं की और विभाग ने उनसे इसकी वजह पूछी तो भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. 30 फरवरी, 2022 को वह ड्यूटी पर वापस लौटे. साल 2022 में वह तब चर्चा में आ गए जब उन्हें गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान ऑब्जर्वर बनाकर भेजा गया. तब उनकी एक फोटो काफी वायरल हुई, जिसमें वह सरकारी गाड़ी के सामने खड़े नजर आ रहे थे. फोटो के साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा- अहमदाबाद में ड्यूटी लगी है. चुनाव आयोग ने उनका आचरण उचित ना मानते हुए नवबंर, 2022 में उन्हें ऑब्जर्वर की ड्यूटी से हटा दिया. इसके बाद वह उत्तर प्रदेश वापस लौटे, लेकिन नियुक्ति विभाग को रिपोर्ट नहीं किया और बिना किसी को बताए नौकरी से गायब रहे. फरवरी 2023 में अभिषेक सिंह को निलंबित कर दिया गया और यूपी की योगी सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया था. अक्टूबर में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. नियुक्ति विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, अभिषेक सिंह का इस्तीफा मंजूर होने में अभी कुछ महीनों का समय लग सकता है क्योंकि जहां-जहां अभिषेक सिंह की तैनाती रही, वहां से एनओसी मांगी गई है. एनओसी केंद्र सरकार को भेजी जाएगी और फिर इस्तीफे को मंजूरी मिलेगी.
लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे
अभिषेक सिंह ने जौनपुर के रामभक्तों के लिए निषाद रथ यात्रा शुरू करने का ऐलान किया है. 7 फरवरी से बसें रामभक्तों को अयोध्या राम मंदिर लेकर जाएंगी और रामलला के दर्शन कराकर जौनपुर वापस भी लेकर आएंगी. इन बसों का नाम निषाद रथ रखा गया है. इस यात्रा के भी राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. इससे पहले पिछले साल उन्होंने जौनपुर में गणेशोत्सव का आयोजन किया था. यह आयोजन काफी बड़े स्तर पर किया गया था और मुंबई से कई फिल्मी हस्तियां कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थीं. तब भी इस बात की काफी चर्चा हुई थी कि वह लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने साफ तौर पर इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया है और जब उनसे से लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया. यूपी तक की रिपोर्ट के अनुसार, अभिषेक सिंह से पूछा गया कि क्या वह बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव में उतरेंगे. इस पर अभिषेक सिंह ने जवाब दिया कि वह तो अभी आईएएस हैं और पद पर रहते हुए कोई दल जॉइन नहीं कर सकते.