उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में टीचर की हत्या का मामला सामने आया है. पुलिस कांस्टेबल ने किसी मामूली बात को लेकर एक टीचर को गोलियों से भून डाला. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल टीचर को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद पुलिस ने मृत टीचर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. टीम में शामिल सभी लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है. जानकारी के मुताबिक, आरोपी कांस्टेबल शराब के नशे में था. वह रात के समय टीचर से तंबाकू की मांग कर रहा था. इस पर तंबाकू न देने पर आरोपी पुलिसकर्मी ने इस घटना को अंजाम दे डाला. दरअसल, 14 मार्च को वाराणसी से एक टीम यूपी बोर्ड हाई स्कूल परीक्षा की कॉपी लेकर अन्य जिलों में स्थित कॉलेज में जमा करने के लिए निकली थी. इसमें टीचर धर्मेंद्र कुमार, संतोष कुमार और पुलिस टीम में उप निरीक्षक नागेंद्र चौहान, मुख्य आरक्षी चंद्र प्रकाश के साथ दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जितेंद्र मौर्य व कृष्ण प्रताप शामिल थे.
पीड़ित परिवार को 10 करोड़ रुपये देने की मांग
शिक्षकों की मांग है कि आरोपी के खिलाफ रासुका लगाई जाए। पीड़ित परिवार को 10 करोड़ रुपये और परिवार के एक सदस्य को पीसीएस रैंक की नौकरी दी जाए। राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार और भविष्य में शिक्षकों को ट्रक में ड्यूटी पर नहीं भेजा जाए। शिक्षकों ने कहा कि सभी मांगों पर लिखित आश्वासन मिलने पर ही धरना प्रदर्शन समाप्त किया जाएगा। तब तक यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन भी नहीं करेंगे।
यह है पूरा मामला
वाराणसी से 14 मार्च को यूपी बोर्ड हाईस्कूल परीक्षा की कॉपी लेकर अध्यापक धर्मेन्द्र कुमार और संतोष कुमार चले थे। उनके साथ इंस्पेक्टर नागेन्द्र चौहान, हेड कॉन्स्टेबल चन्द्रप्रकाश और 2 अन्य कर्मचारी जितेन्द्र मौर्य और कृष्णप्रताप गाड़ी से थे। सभी लोग प्रयागराज, शाहजहांपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद और बिजनौर में कॉपियां उतारकर रविवार रात करीब 12:30 बजे मुजफ्फरनगर पहुंचे। यहां एसडी इंटर कॉलेज का गेट बंद था तो गाड़ी गेट पर ही लगाकर सभी लोग आराम करने लगे। ट्रक में आगे ड्राइवर के साथ सब इंस्पेक्टर नागेन्द्र चौहान और अध्यापक संतोष कुमार थे। पीछे हेड कॉन्स्टेबल चन्द्रप्रकाश, अध्यापक धर्मेन्द्र कुमार व दोनों चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे।
बोर्ड की कॉपियां खून से सन गईं
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि हेड कॉस्टेबल नशे में था। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से बार-बार तम्बाकू (सुर्ती) मांग रहा था। किसी को आराम नहीं करने दे रहा था। टीचर धर्मेंद्र कुमार से भी तंबाकू मांगा। इस पर धर्मेंद्र कुमार ने आपत्ति जताई और तंबाकू देने से इनकार कर दिया। इतने में चंद्रप्रकाश को गुस्सा आ गया और उसने अंधाधुन गोली चलानी शुरू का दी। इस दौरान ट्रक में मौजूद लोगों ने उसे पकड़ लिया। हालांकि तब तक धर्मेंद्र कुमार को कई गोली लग चुकी थी। ट्रक में हर जगह खून फैल गया। बोर्ड की कॉपियां भी खून से सन गईं। वारदात में चंदौली जिले के रामगढ के बैराठ निवासी धमेंद्र की मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी हेड कॉन्स्टेबल की कार्बाइन कब्जे में लेकर उसे हिरासत में लिया। वहीं गाड़ी में मौजूद अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया, ये लोग वाराणसी से यूपी बोर्ड हाई स्कूल परीक्षा की कॉपी लेकर आए थे। सिपाही चन्द्रप्रकाश ने अध्यापक धर्मेन्द्र कुमार को गोली मार दी। पुलिस ने मौके पर जाकर मामले की जांच पड़ताल की।