कोई यूं ही नहीं सुपर कॉप बन जाता है। कोई यूं ही नहीं त्रिपुरारी पांडेय कहलाता है। इस नाम को पाने के लिए पीछे की गई कड़ी मेहनत और डेडिकेशन का रिजल्ट होता है यह सरनेम। त्रिपुरारी पांडेय ने यूपी पुलिस के सुपरकॉप नाम पाया और इसे हमेशा बरकरार रखा। अपराधियों के बीच बाबा के नाम से प्रसिद्ध त्रिपुरारी पांडेय का नेटवर्क क्राइम सिंडिकेट में काफी तगड़ा था। अपराध के अनुसंधान में लगने के बाद अपराधियों तक पहुंचने में वे हमेशा सफल होते थे। संजय ओझा गैंग, बावरिया गैंग को उन्होंने निशाने पर लिया। कई अपराधियों को उन्होंने ठिकाने लगाया। अपराधियों से भिड़ने को लेकर उनकी चर्चा शुरुआती दिनों में ही होने लगी थी। त्रिपुरारी पांडेय को याद करते हुए पुलिस महकमे के अधिकारी कहते हैं कि उनकी चर्चा 80 फीट रोड पर हड्डी गोदाम से एक अपराधी को पकड़ने को लेकर हुई थी। अपराधी को पकड़ने में बड़े अधिकारी सफल नहीं हो रहे थे। अपने तगड़े नेटवर्क का यूज कर कॉन्स्टेबल त्रिपुरारी पांडेय ने अपराधी को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचाया तो ऊपरी अधिकारियों की नजर उन पर पड़ी। कानपुर के कलक्टरगंज, फजलगंज समेत कई थानों में सिपाही रहे त्रिपुरारी पांडेय को उनके कार्य के लिए याद किया जाता है। एआरटीओ वसूली सिंडिकेट को ध्वस्त करने में उनकी भूमिका को कौन भूल सकता है।
प्रमोशन हुआ। 35 साल की नौकरी में से 25 साल से अधिक वे कानपुर में रहे। कुछ समय उन्होंने वाराणसी, लखनऊ, चंदौली, मुगलसराय जीआरपी में रहे। कानपुर जीआरपी में भी उनका लंबा समय गुजारा। कानपुर को उन्होंने अपना गढ़ बनाया था। अधिकारियों से लेकर नेताओं तक उनकी पहुंच थी। 2018-19 में उनका ट्रांसफर लखनऊ कमिश्नरेट में हुआ था। जुगाड़ लगाकर वे कानपुर वापस आ गए थे।
चंदौली में भी रहे सीओ, केंद्रीय मंत्री ने जताया शोक
चंदौली जिले में भी सीओ के पद पर त्रिपुरारी पांडेय की तैनाती रही। उनके निधन पर केंद्रीय मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय ने शोक जताया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूपी पुलिस ने एक कुशल पुलिस अधिकारी खो दिया। शोकाकुल परिवार को ईश्वर दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि एक योग्य कर्मठ पुलिस अधिकारी वर्तमान में जालौन सीओ पद पर तैनात थे। उनके निधन का दुखद समाचार सुनकर हैरान हूं। एक योग्य पुलिस अधिकारी हम लोगों के बीच में नहीं रहे।
असीम अरुण ने जताया शोक
यूपी सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने त्रिपुरारी पांडेय के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरारी पांडेय और मैंने कानपुर में साथ काम किया था। वे बहुत कर्मठ, सहज और संवेदनशील पुलिस अधिकारी थे। कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की स्थापना के शुरुआती दिनों में उन्होंने बहुत अहम भूमिका निभाई। प्रभावी एवं जनोन्मुखी पुलिसिंग की अमिट छाप छोड़ी। पूर्व पुलिस अधिकारी असीम अरुण ने शोक संदेश में कहा कि ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिवार को दुख सहन शक्ति प्रदान करें।