UP POLICE में शुरू हुई SI और ASI पदों के लिए भर्ती, इस तरह करें आवेदन

नए साल के साथ ही यूपी पुलिस में एसआई और एएसआई की भर्ती के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं। रविवार को इस भर्ती का नोटिफिकेशन भी जारी हो गया। जो भी युवा इस भर्ती के लिए आवेदन करना चाहते हैं वो उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट uppbpb.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की आखिरी तारीख 28 जनवरी 2024 है।

मांगी गई ये योग्यता

जानकारी के मतुबाकि, नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि जो भी व्यक्ति पुलिस उप निरीक्षक (गोपनीय) और पुलिस सहायक उप निरीक्षक (लिपिक ) के लिए आवेदन करना चाहता है, उसके पास किसी भी स्ट्रीम स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। वहीं पुलिस सहायक उप निरीक्षक (लेखा) पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी का काॅर्मस से ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। इन पदों के लिए टाइपिंग की स्पीड भी पहले से निर्धारित है। आवेदन करने वाले अभ्यर्थी की उम्र 21 वर्ष से 28 वर्ष के बीच होनी चाहिए। ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग के अभ्यर्थी को अधिकतम उम्र सीमा में सरकार के नियमानुसार छूट भी दी गई है।

ऐसे करें अप्लाई

सबसे पहले UPPBPB की आधिकारिक वेबसाइट uppbpb.gov.in पर जाएं। इसके बाद होम पेज पर उपलब्ध सब इंस्पेक्टर और सहायक सब इंस्पेक्टर आवेदन लिंक पर क्लिक करें। इसके बाद यहां एक नया पेज खुलेगा जहां अपना पंजीकरण करें। रजिस्ट्रेशन के बाद अकाउंट में लॉगइन करें और आवेदन शुरू करें। सभी आवश्यक जानकारी दर्ज करें और डाक्यूमेंट अपलोड करें। फीस जमा करें और सबमिट करें। यहां सभी जानकारियां सही तरह से भरें, ताकि कोई गलती ना होने पाए।

इतनी है फीस

आपको बता दें कि सभी वर्ग के संबंधित अभ्यर्थियों के आवेदन शुल्क 400 रुपए निर्धारित है। शुल्क का भुगतान ऑनलाइन मोड के माध्यम से किया जाना है। ऐसे में फीस भरकर फिर परीक्षा की तैयारी शुरू कर दें।

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हापुड़ SP की बड़ी पहल, पुलिसकर्मियों को दिलवाया CPR प्रशिक्षण… अब अपनी सांसे देकर पुलिसकर्मी बचा सकेंगे दूसरों की जान

जिले की पुलिस अब अपनी सांस देकर दूसरों की जान बचाएगी। पुलिस को सीपीआर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत शुक्रवार को एसपी अभिषेक वर्मा ने मेरठ रोड पुलिस लाइन में की। वहां जिले के सभी थानों के प्रभारियों और पुलिसकर्मियों को डॉक्टरों ने बताया कि इमरजेंसी में घायल या पीड़ित को कैसे अपनी सांस देकर उसकी जिंदगी बचानी है। पुलिस के महिला-पुरुष जवान लोगों को सीपीआर देकर जान बचाएंगे।

पुलिसकर्मी ऐसे करेंगे मदद 
अक्सर आपने देखा होगा कि सीपीआर देने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। अब प्रक्रिया को कंपलसरी कर दिया गया है। पुलिस को डॉक्टर बकायादा प्रशिक्षण दे रहे हैं। इमरजेंसी में पुलिस के जवान लोगों की जान बचा सकेंगे। प्रशिक्षण के दौरान सीपीआर या कृत्रिम श्वसन की जानकारी देते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि कई बार व्यक्ति की अचानक सांस रुक जाती है या फिर कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति में सांस नहीं आती है। इस अवस्था में सीपीआर देकर लोगों की जान बचाई जा सकती है।

जवान बचाएंगे दूसरों की जान
सीपीआर के जरिए बेहोश व्यक्ति को सांस देने से फेंफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है। इससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचारित होने लगता है। सीएचसी के डॉक्टर प्रवीण गुप्ता की टीम ने पुलिसकर्मियों को सीपीआर प्रशिक्षण दिया। डॉक्टर प्रवीण गुप्ता ने बताया कि सीपीआर कोई दवा या इंजेक्शन नहीं है। यह एक तरह की प्रक्रिया है, इसका इस्तेमाल मरीज के शरीर पर किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में व्यक्ति की सांस रुक जाने पर सांस वापस लाने तक या दिल की धड़कन सामान्य होने तक छाती को दबाया जाता है। इससे शरीर में पहले से मौजूद खून संचारित होने लगता है और व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी नहीं होती है।

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अपनी जाति वाले सिपाहियों पर नहीं लेते एक्शन….आरोपों पर ADCP लखन सिंह का बयान

कानपुर पुलिस विभाग में इन दिनों एक लेटर की चर्चा है. सोशल मीडिया पर ये लेटर वायरल हो रहा है. जो हाइवे किनारे एक धर्म कांटा पर चस्पा किया गया था. लेटर किसी सिपाही द्वारा लिखा बताया जा रहा है. इसमें एडीसीपी (अपर पुलिस उपायुक्त) लखन सिंह यादव पर जातिवादी होने के आरोप लगाए हैं. हालांकि, एडीसीपी ने इसे महकमे को बदनाम करने की साजिश बताया है.

लेटर के जरिए एडीसीपी लखन सिंह यादव के ऊपर अपनी जाति के लोगों की तरफदारी करने का आरोप लगाया गया है. इसमें लिखा है कि एडीसीपी अपनी जाति के लोगों को सपोर्ट करते हैं. अगर उनकी जाति का सिपाही उनके पास किसी काम से जाता है तो वह उससे ढंग से मिलते हैं. बाकी लोगों से अभद्रता करते हैं.

कंप्लेंट मिलने पर अपनी जाति के सिपाहियों को वक्त देते हैं, जबकि दूसरी जाति के सिपाहियों पर तत्काल एक्शन ले लेते हैं. यही काम वसूली की शिकायत मिलने पर आरोपी सिपाहियों के साथ किया था. उन्होंने अपनी जाति के आरोपी सिपाही को छोड़ दिया था. जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई.

एडीसीपी ने इस पूरे मामले में क्या कहा?

बता दें कि लखन सिंह यादव कानपुर ईस्ट के एडीसीपी हैं. साथ ही 112 कंट्रोल रूम के भी प्रभारी हैं. इस मामले पर उनका कहना है कि 112 कंट्रोल रूम का प्रभारी बनने के बाद हाइवे पर वसूली की शिकायत मिलने पर कई पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया है.

पिछले दिनों भी शिकायत मिलने पर कई पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है. यह उन्हीं में से किसी की शरारत लगती है. जहां पर लेटर चस्पा मिला है वहां पर कोई सीसीटीवी नहीं है. फिर भी इस मामले की हम जांच कर रहे हैं. पुलिस विभाग में अनुशासन होता है.  किसी को कोई शिकायत है तो सीनियर के पास जा सकता है.

बकौल लखन सिंह- इस तरह की भाषा लिखकर पुलिस विभाग को बदनाम करना, अधिकारियों को बदनाम करना, यह गलत है. मेरे ऊपर जो जातिवाद के आरोप अब लगाए गए हैं ऐसा अभी तक किसी ने कहा नहीं. कानपुर में मेरे ऊपर डिप्टी जॉइंट कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर भी हैं. अगर किसी को कोई शिकायत हो है उनसे मेरी शिकायत कर सकता है. फिलहाल, इस मामले की जांच कराई जा रही है. जिसका भी यह काम होगा उसपर कार्रवाई की जाएगी.

SP सिटी को मीट माफिया से दोस्ती पड़ गई भाई, एक झटके में हो गया तबादला

मेरठ में SP सिटी पीयूष कुमार सिंह का आज तबादला कर सुल्तानपुर PTS कर दिया गया है। उनकी जगह आयूष विक्रम को एसपी सिटी का कार्यभार सौंपा गया है। जहां पीयूष कुमार सिंह का तबादला हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ चर्चाओं का बाजार भी इस बात से गर्म चल रहा है कि आईपीएस पीयूष को मीट माफिया से दोस्ती भारी पड़ी गई है, या यह कहना भी गलत न होगा की एक आरोपी से दोस्ती का ही खामियाजा है कि उनका तबादला दूसरे जिले में कर दिया है।

दरअसल आईपीएस पीयूष का सुल्तानपुर PTS तबादला होने की असली वजह मीट माफिया के बेटे से दोस्ती बताई जा रही है। सूत्र की माने तो मीट माफिया की पिस्टल को आईपीएस ने “खिलौने” में बदली थी। असली पिस्टल से एक रेस्त्रां मालिक को धमकाया गया था। मीट माफिया के रेपिस्ट बेटे को बचाने का भी प्रयास किया गया था। मीट माफिया की कई कांडों में सरपरस्ती की गई थी। 2 दिन तक हिंदू युवती से रेपकांड को भी दबाया गया था। SSP के दखल के बाद ही रेप का केस दर्ज हो सका था।

मेरठ शहर में मीट कारोबारी का 500 अवैध मीट दुकानों का संचालन है। मीट माफिया के इशारे पर शहर में अवैध मीट शॉप धडल्ले से चल रही है। भाजपा के एक मंत्री ने मीट माफिया की शिकायत की थी। भाजपा नेता ने इस मामले में खुलकर विरोध भी किया था।

मुजफ्फरनगर से प्रमोट होकर मेरठ में एसपी सिटी बने यें IPS अफसर

मुजफ्फरनगर में लंबे समय तक क्षेत्राधिकारी नगर की जिम्मेदारी संभालने वाले आइपीएस अधिकारी आयुष विक्रम सिंह का तबादला मेरठ कर दिया गया है। उन्हें प्रमोट कर मेरठ में एसपी सिटी की जिम्मेदारी मिली है। कांवड़ मेले में उन्होंने नगर क्षेत्र सहित आसपास के क्षेत्रों में जिम्मेदारी संभाली है। इसके साथ ही मुजफ्फरनगर में व्योम बिंदल को सहायक पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरनगर नियुक्त किए गया हैं।

Ips news

सरकार ने तीन आईपीएस और एक पीपीएस का शुक्रवार को तबादला कर दिया। मेरठ के एसपी सिटी पीयूष सिंह का पीटीएस सुल्तानपुर स्थानांतरण हो गया है। अब आयुष विक्रम सिंह मेरठ के नए एसपी सिटी होंगे। बताया गया कि आईपीएस आयुष विक्रम सिंह मुजफ्फरनगर में सीओ हैं।

बताया गया कि आयुष विक्रम सिंह मेरठ में अंडर ट्रेनी आईपीएस रहे हैं। आयुष विक्रम मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले हैं

योगी सरकार ने 34 आईपीएस अफसरों को दिया नए साल से पहले प्रमोशन का गिफ्ट, SSP से बने DIG

उत्तर प्रदेश सरकार ने 34 आईपीएस अफसरों को प्रमोशन दिया है। यह सारे अफसर पुलिस अधीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपायुक्त जैसे पदों पर तैनात हैं। इन सभी को बतौर पुलिस उप-महानिरीक्षक पदोन्नत किया गया है। इसका आदेश उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने जारी कर दिया है। जिनमें अलीगढ़ के एसएसपी कलानिधि नैथानी और मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले आईपीएस अफसर संजीव त्यागी भी डीआईजी बन गए हैं।

यहां देखे किसे मिला प्रमोशन का तोहफा

Ips parmotion

  1. राजकमल यादव
  2. राकेश पुष्कर
  3. मनोज कुमार सोनकर
  4. कुलदीप नरायन
  5. मनीराम सिंह
  6. किरन यादव
  7. प्रमोद कुमार तिवारी
  8. राशीद खान
  9. एस आनंद
  10. राजीव नारायन
  11. सुशील कुमार सिंह
  12. अशोक कुमार-4
  13. प्रदीप गुप्ता
  14. डॉक्टर ओम प्रकाश सिंह
  15. राधेश्याम
  16. कल्पना सक्सेना
  17. सुरेश्वर
  18. रामजी सिंह यादव
  19. संजय सिंह
  20. राम किशुन
  21. राजकमल यादव
  22. राकेश पुष्कर
  23. मनोज कुमार सोनकर
  24. कुलदीप नरायन
  25. मनीराम सिंह
  26. किरन यादव
  27. प्रमोद कुमार तिवारी
  28. राशीद खान
  29. एस आनंद
  30. राजीव नारायन
  31. सुशील कुमार सिंह
  32. अशोक कुमार-4
  33. प्रदीप गुप्ता
  34. डॉक्टर ओम प्रकाश सिंह

IPS Promotion: 82 IPS के प्रमोशन का रास्ता साफ, 40 IPS अफसर बनेंगे DIG, जारी हुआ आदेश

यूपी के 82 आईपीएस के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। करीब 40 IPS अफसरों के प्रमोशन की मंजूरी मिल गई है। ये सभी SSP से प्रमोट होकर DIG बनेंगे। सभी अफसर 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। 2006 बैच के अफ़सर IG और 2010 बैच के IPS बनेगे DIG.  वर्ष 1999 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस रमित शर्मा और डॉ. संजीव गुप्ता आईजी से एडीजी पद पर पदोन्नत किए जाएंगे। इसी तरह वर्ष 2006 बैच के आईपीएस डीआईजी से आईजी और 2010 बैच के आईपीएस एसपी से डीआईजी पद पर पदोन्नत किए जाएंगे, जबकि वर्ष 2011 बैच के अफसरों को सेलेक्शन ग्रेड दिया गया है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में शनिवार को हुई विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक में इन अफसरों को पदोन्नत किए जाने की संस्तुति की गई।

प्रमुख सचिव व डीजीपी विजय कुमार बैठक में मौजूद

बैठक में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और डीजीपी विजय कुमार भी मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार कुल 82 आईपीएस अफसरों को प्रोन्नति का लाभ मिला है। बैठक में वर्ष 1991 और वर्ष 1992 बैच के आईपीएस अफसरों को डीजी पद पर प्रोन्नति देने की सिफारिश की गई है, जो भविष्य में होने वाली डीजी पद की रिक्तियों के सापेक्ष होगी। डीजी का पद रिक्त न होने से अभी 1990 बैच के ही सभी आईपीएस अफसरों को डीजी पद पर प्रोन्नति नहीं हो पाई है। आगामी 31 जनवरी को डीजीपी विजय कुमार के रिटायर होने के बाद 1990 बैच के एक आईपीएस की प्रोन्नति होगी।

2010 बैच के आईपीएस एडीजी पद पर प्रोन्नत

एडीजी पद पर प्रोन्नत होने वाले रमित शर्मा वर्तमान में प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर हैं, जबकि संजीव गुप्ता सचिव गृह के पद पर तैनात हैं। एसपी से डीआईजी पद पर प्रोन्नत किए जाने वाले वर्ष 2010 बैच के आईपीएस अफसरों में लगभग 32 अफसर शामिल हैं। इनमें वैभव कृष्ण, कलानिधि नैथानी, गौरव सिंह, प्रभाकर चौधरी, संजीव त्यागी, पूनम, कुंतल किशोर, हरीश चंद्र, सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, सत्येन्द्र कुमार व शिवहरि मीना आदि प्रमुख हैं।

इन अधिकारियों का हुआ प्रमोशन

IPS वैभव कृष्ण

IPS कलानिधि नैथानी

IPS गौरव सिंह

IPS प्रभाकर चौधरी

IPS संजीव त्यागी

IPS शगुन गौतम

IPS पूनम

IPS कुंतल किशोर

IPS हरीश चन्द्र

IPS सत्यार्थ अनिरुद्ध

IPS सतेंद्र कुमार

IPS शिव हरि मीना

IPS राहुल राज

IPS शफीक अहमद

IPS राधेश्याम

IPS कल्पना सक्सेना

IPS सुरेश्वर

IPS रामजी सिंह यादव

IPS संजय सिंह

IPS राम किशन

IPS राकेश पुष्कर

IPS मनोज कुमार सोनकर

IPS कुलदीप नारायण

IPS मनीराम सिंह

IPS किरण यादव

प्रमोद कुमार तिवारी

IPS शहाब रशीद खान

IPS एस आनंद तथा कुछ अन्य अफ़सर बने DIG

खाकी वर्दी का दरोगा ने दिखाया खूब रौब: गरीब पर भी न आया तरस

वर्दी के नशे में चूर दरोगा ने एक टेंपो चालक के साथ अभद्रता की। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वहीं, वीडियो वायरल होने पर एसपी सिटी ने जांच शुरू करा दी है।

वीडियो वायरल होने पर हरकत में आए अफसर

मुजफ्फरनगर में चरथावल बस स्टैंड पर जाम खुलवाने के दौरान कस्बा प्रभारी ने चालक को टेंपो से खींचकर अभद्रता की। वहीं, वीडियो वायरल होने पर एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने जांच शुरू करा दी।

कस्बे में चरथावल-थानाभवन मार्ग पर बस स्टैंड है। यहां दुकानदारों का मुख्य मार्गों पर अतिक्रमण, फलों के ठेलों एवं पाइप लाइन बिछने के कार्य से अक्सर जाम रहता है। गन्ने के ओवरलोड़ ट्रकों एवं ट्रॉलों ने हालात ज्यादा खराब कर दिए है। बस स्टैंड पर जाम से मुक्ति दिलाने के लिए थाने से दरोगा एवं होमगार्ड को ड्यूटी पर लगाया गया है।
बताया कि वाहनों के साथ ही सड़क के बीच में टेंपो आने से वाहनों की लंबी कतार लग गई। मौके पर होमगार्ड ने चालक से टेंपो हटवाकर साइड में लगवा दिया। आरोप है कि कस्बा प्रभारी दरोगा ने टेंपो से खींच कर चालक को डांटा फटकारा और नसीहत दी। अभद्रता भी की। घटना पास में लगे एक सीसीटीवी में कैद हो गई। इसके बाद यह वीडियो किसी ने वायरल कर दिया।

थाना प्रभारी ओपी सिंह ने बताया कि मामले में किसी पीड़ित की कोई शिकायत नहीं मिली है। जाम खुलवाने के लिए चालक को डांटने की बात सामने आई है। उधर, एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। सीओ सदर को वीडियो की जांच करने के आदेश दिए हैं।