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Parliament Security Breach: 100 IPS अफसरों की टीम, 5 राज्‍यों की पुलिस खंगालेगी आरोपियों का इतिहास

बुधवार को संसद में सुरक्षा में चूक के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियां हरकत में आ गई है. सुरक्षा में तैनात 8 सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ-साथ टेरेरिस्ट सेल भी जांच कर रही है. वहीं, आईबी, सीबीआई, एनआईए, रॉ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और फॉरेंसिक जांच एजेंसियां सहित कई राज्यों की पुलिस भी आरोपियों को लेकर दिल्ली पुलिस को इनपुट दे रही है. इस काम में हरियाणा, यूपी, बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र पुलिस भी दिल्ली पुलिस को आरोपियों के बारे में इनपुट दे रही है. इसके साथ ही सोशल साइट्स पर आरोपियों की गतिविधियों और इनके मित्रों और पोस्ट को लेकर साइबर एकस्पर्ट्स जानकारी जुटा रहे हैं. बता दें कि दिल्ली पुलिस के 200 से अधिक अधिकारी, जवान और विशेषज्ञ इस काम में लगे हैं. इस काम में राज्यों और एजेंसियों को मिलाकर 100 से अधिक आईपीएस अधिकारी लगे हैं.

दिल्ली पुलिस की बात करें तो सिपाही, सबइंसपेक्टर, इंसपेक्टर और एसीपी स्तर के 200 से अधिक अधिकारी पिछले 24 घंटे से इस काम में लगे हुए हैं. डीसीपी, एडिशनल डीसीपी, ज्वाइंट सीपी और स्पेशल सीपी लेवल के 25 से ज्यादा आईपीएस अधिकारी जांच की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बात दें कि पकड़े गए लोगों की पहचान सागर शर्मा, डी मनोरंजन, नीलम देवी, अमोल शिंदे और ललित झा और विक्की के रूप में हुई है. दिल्ली पुलिस के एक बड़े अधिकारी की मानें तो इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने कुछ सांसदों सहित 20 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है. दिल्ली पुलिस ने 5 से ज्यादा लोगों को डिटेन भी कर रखा है. दिल्ली पुलिस के एसीपी स्तर से लेकर स्पेशल सीपी स्तर के 200 से अधिक अधिकारी जांच में जुटे

इन एजेंसियों ने संभाली जांच की जिम्मेदारी

दिल्ली पुलिस के पूर्व ज्वाइंट सीपी एसबीएस त्यागी कहते हैं, सुरक्षा के लिहाज से यह बड़ी चूक है. दिल्ली पुलिस सबसे पहले एफआईआर दर्ज करेगी. एफआईआर दर्ज करने के बाद इन लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी कि ये लोग कौन हैं और इनका मकसद क्या था. क्या इन लोगों ने संसद भवन के अंदर वैध तरीके से प्रवेश किया? क्या इनका मकसद आतंकवादी हमले को अंजाम देना के था? दिल्ली पुलिस कई धाराओं में इन लोगों पर मुकदमा दर्ज कर सकती है. जिस भगत सिंह फैन क्लब से जुड़े हैं, उस संगठन के बारे में भी पता लगाया जाएगा.’

देश की संसद के भीतर निचले सदन में सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में चूक की घटना ने हर किसी को सकते में डाल दिया. दर्शक दीर्घा से दो लोग लोकसभा में अचानक से कूद गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान एक युवक ने अपने जूते में से स्मोक क्रैकर निकाला और स्प्रे करना शुरू कर दिया. हालांकि समय रहते सुरक्षाबलों और सांसदों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया.

5 किलो की राइफल से चीनी सैनिक को दिया था जवाब, अब उस थ्री नॉट थ्री की 7000 बंदूकें हटाएगी दिल्ली पुलिस

दशकों तक दिल्ली पुलिस का हिस्सा रही ब्रिटिशकालीन .303 राइफलों को पुलिस बल से जल्द ही हटा दिया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। दिल्ली पुलिस के अनुसार कम से कम 7,000 ऐसे हथियारों को बल से हटाने की तैयारी है। इसे ‘थ्री-नॉट-थ्री’ राइफल के रूप में जाना जाता है। अधिकारी ने कहा, ‘इन हथियारों का इस्तेमाल वर्षों पहले ही बंद हो गया था और अब उन्हें नष्ट करने की तैयारी है।’ ये .303 राइफल दिल्ली पुलिस की शस्त्रागार इकाई में रखी गई हैं।

ब्रिटेन में बनी और विश्व युद्ध में चली
सूत्रों के मुताबिक, इन हथियारों को नष्ट करने की निगरानी के लिए एक संयुक्त आयुक्त रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया गया है। पूरा अभियान गृह मंत्रालय द्वारा गठित समिति की निगरानी में किया जाएगा। .303 कैलिबर ली-एनफील्ड राइफल शुरू में ब्रिटेन के हथियार कारखाने में निर्मित की गई थी और प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में इनका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था।

भारत ने लड़ी 62 की लड़ाई
भारत में इन राइफल का इस्तेमाल 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय सेना द्वारा किया गया था और बाद में राज्य पुलिस बलों को सौंप दिया गया था। पुलिस उपायुक्त (प्रावधान एवं रसद) विनीत कुमार ने पुष्टि की कि हथियार नष्ट करने की प्रक्रिया जारी है

5 किलोग्राम है वजन
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इन हथियारों में से प्रत्येक का वजन लगभग पांच किलोग्राम है। उन्होंने कहा कि इन हथियारों को नष्ट करने की प्रक्रिया लंबी है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत हथियारों के प्रत्येक हिस्से को हटाना और नष्ट करना शामिल है।

अधिकारी ने बताया कि हथियारों को नष्ट करने से पहले, बैरल और इसके अन्य हिस्सों को अलग कर दिया जाता है ताकि इसका आगे इस्तेमाल न किया जा सके और उसके बाद इन हथियारों का लोहा पिघलाया जाता है। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के पुलिस बल पहले ही .303 राइफल का इस्तेमाल बंद कर चुके हैं।

पुलिस कर रही थी मौत की जांच, 19 साल बाद जिंदा मिला पूर्व नौसैनिक, हैरान कर देगी ये कहानी

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