दिल्ली विधानसभा चुनाव के फाइनल रिजल्ट अब बस कुछ ही देर में आए जाएंगे। फिलहाल अभी तक ज्यादातर सीटों के नतीजे आ चुके हैं। इन नतीजों के आने से ये साफ हो गया है कि 27 साल बाद एक बार फिर दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनेगी। 70 सीटों वाली इस विधानसभा में बीजेपी स्पष्ट बहुमत के लिए जरूरी सीटों (36) का आंकड़ा पार कर चुकी है। इन्हीं चुनावों के बीच एक सिपाही काफी सुर्खियों में है। दरअसल, दिल्ली पुलिस का एक सिपाही अरविंद केजरीवाल चुनाव में निर्दलीय उतरा था, जो बुरी तरह हार गया। हालांकि अभी उसे नियमों के आधार पर सस्पेंड कर दिया गया और चुनाव में भी उसके हाथ कुछ नहीं लगा।
कौन हैं पंकज शर्मा
दिल्ली पुलिस के इतिहास में यह पहली बार था कि किसी ऑन ड्यूटी पुलिसकर्मी ने नामांकन भरा और चुनाव लड़ा। दिल्ली पुलिस की छठी बटालियन में तैनात सिपाही पंकज शर्मा का कहना है कि दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था से आहत उन्होंने व्यवस्था ठीक करने के खातिर चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। 2003 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। वह आठ साल तक स्पेशल सेल में रहे। परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। पिता भी दिल्ली पुलिस से इंस्पेक्टर के पद से रिटायर्ड हैं।
पंकज ने बताया कि अपराध को एक पुलिसकर्मी बेहतर तरीके से समझ सकता है। अपराध खत्म करने के लिए जनता से वोट मांग रहा था। पुलिस वाला होने से पहले दिल्ली का नागरिक हूं, इसलिए सुरक्षित दिल्ली के खातिर चुनाव लड़ने का फैसला किया
इस एनकाउंटर में हुए शामिल
पंकज का दावा है कि वह बटला हाउस समेत 18 एनकाउंटर में शामिल रहे हैं। फिलहाल वह लक्ष्मी नगर के गढ़वाली मोहल्ले में रहते हैं। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली की सीट से चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए लिया था क्योंकि नई दिल्ली शक्ति का केंद्र है, जिससे पूरा देश कंट्रोल होता है। मुझे लगता है कि नई दिल्ली से अपनी बात रखूंगा, तो उसका फायदा पूरे देश को होगा।
उन्होंने बताया कि 26 जनवरी तक कर्तव्य पथ पर तैनात थे। इसके बाद प्रचार के लिए विभाग से अनुमति मांगी, जो अभी तक पेंडिंग है। प्रचार का समय निकला जा रहा था, इसलिए इंतजार नहीं किया। इसके लिए अपने पास से दो लाख रुपये खर्च कर दिए।
वहीं इस मामले में 6वीं बटालियन दिल्ली पुलिस के उपायुक्त वी. हरेश्वर स्वामी के मुताबिक, सिपाही पंकज शर्मा ने बिना अनुमति नई दिल्ली विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा। 26 जनवरी तक कर्तव्य पथ पर तैनात रहे थे और उसके बाद बिना बताए ड्यूटी से अनुपस्थित हो गए। उन्होंने नामांकन भरने की जानकारी विभाग को नहीं दी थी। उन्होंने सर्विस नियमों की अवहेलना की, जिसको लेकर उन्हें निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
मिले 7 वोट
बात करें चुनावों के रिजल्ट की तो इस साल नई दिल्ली सीट से 23 कैंडिडेट मैदान में हैं। इस सीट पर बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को भी उनके पद से जबरजस्त वोटों से हटा दिया है। फिलहाल यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सिपाही पंकज शर्मा को मात्र 7 वोट मिले हैं।