बागपत के नए एसपी सूरज कुमार राय की कहानी सिर्फ एक अफसर की नहीं, बल्कि एक बेटे के संघर्ष, बदलाव और मिशन की मिसाल है। जौनपुर के मूल निवासी सूरज शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहे। उनका सपना इंजीनियर बनने का था, जिसके लिए उन्होंने मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज, इलाहाबाद में दाखिला लिया। लेकिन किस्मत ने उनकी राह मोड़ दी।
खुद से महसूस किया मजबूरों का दर्द
कॉलेज में दाखिले के महज एक महीने बाद उनके पिता की हत्या हो गई। इंसाफ की तलाश में सूरज कोर्ट और थानों के चक्कर काटते रहे, लेकिन तंत्र की लाचारी और पुलिस की लापरवाही ने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया। पुलिस जांच में ढिलाई, अदालत में कमजोर साक्ष्य और थानों में घंटों इंतजार—यह सब उन्होंने खुद भोगा। यहीं से उन्होंने तय किया कि अब रास्ता बदलना होगा।
इंजीनियरिंग छोड़कर उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया और फिर यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। मकसद साफ था—सिस्टम का हिस्सा बनकर उन लोगों की मदद करना जो न्याय से वंचित रह जाते हैं। 2017 में उनका यह सपना साकार हुआ जब उन्होंने ऑल इंडिया 117वीं रैंक हासिल की और आईपीएस बने।
आज ही ग्रहण किया पदभार
मंगलवार की देर रात आई तबादलों की सूची में सूरज कुमार राय का नाम भी शामिल था। बुधवार को उन्होंने बागपत के एसपी के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया। उनका कहना है कि वे अपने निजी अनुभवों से प्रेरित होकर पुलिसिंग को संवेदनशीलता और जवाबदेही के साथ आगे ले जाना चाहते हैं। उनका सफर आज भी जारी है—न्याय की उस लौ को जलाए रखने के लिए, जो कभी उनके अपने घर में बुझ गई थी।