प्रदेश के सुलतानपुर में तैनात डिप्टी कलेक्टर संजीव कुमार यादव ऐसे अधिकारी रहे, जिनको एक महीने में दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम के लिए फ्लीट तैयार करने की जिम्मेदारी मिली। पहली बार यह जिम्मेदारी 28 दिन पहले तब मिली थी, जब 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट व अयोध्या धाम के रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करने आए थे। रामनगरी का रोड शो भी उसमें शामिल रहा।
डीआईजी स्तर के अधिकारी की
22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में रविवार को जब प्रधानमंत्री के फिर आने का कार्यक्रम तय हुआ तब उनके ही कंधों पर फ्लीट तैयार करने की जिम्मेदारी फिर दी गई। दूसरी बार प्रधानमंत्री के फ्लीट की जिम्मेदारी उनको मिलना इसलिए महत्वपूर्ण है कि उस फ्लीट को ले जाने की जिम्मेदारी डीआईजी स्तर के अधिकारी की होती है। पीएम की सुरक्षा करने वाली एसपीजी भी उसका हिस्सा होती है।
एयरपोर्ट व हेलीपैड से उड़ने के बाद ही
फ्लीट को सुरक्षा के मानकों के तहत क्रमवार वाहनों को ऊपर से मिले निर्देशों के क्रम में उनको तैयार करना होता है। पीएम के वाहन के अलावा एंबुलेंस, जैमर समेत फ्लीट में वाहनों की संख्या लगभग 30 के करीब बताई जाती है। यही नहीं फ्लीट रवाना होने के बाद उसके वापसी तक उस पॉइंट पर फ्लीट प्रभारी को मौजूद रहना पड़ता है। वीवीआईपी के एयरपोर्ट व हेलीपैड से उड़ने के बाद ही उसे ड्यूटी से फुर्सत मिलती है। 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री की फ्लीट एयरपोर्ट से रामनगरी को रवाना हुई थी, तब लगभग 13 किमी लंबा रास्ता था। इस बार के फ्लीट का रास्ता साकेत डिग्री कॉलेज से राम मंदिर तक का लगभग तीन किमी का रहा।