उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराध अनुसंधान विभाग (CBCID) का नाम बदलकर अब अपराध अनुसंधान विभाग (CID) कर दिया है। यह निर्णय अपराध जांच प्रणाली को अधिक प्रभावी, स्पष्ट और जनता के लिए सहज बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। गृह विभाग के आदेश के अनुसार, यह बदलाव तुरंत लागू कर दिया गया है और आगे से सभी आधिकारिक दस्तावेजों व संचार में CBCID की जगह CID नाम का उपयोग किया जाएगा।
नाम परिवर्तन का उद्देश्य
जानकारी के मुताबिक, CBCID का कार्य प्रदेश में संगठित अपराधों की जांच, फॉरेंसिक विश्लेषण, अपराधियों की पहचान और गंभीर अपराधों के मामलों की गहराई से पड़ताल करना है। हालांकि, इसका नाम अक्सर आम जनता के लिए भ्रम पैदा करता था। CID नाम अधिक प्रचलित और आसान होने के कारण सरकार ने यह परिवर्तन किया है। इससे विभाग की भूमिका स्पष्ट होगी और जनता में इसकी पहचान और प्रभाव बढ़ेगा।
क्या होगा बदलाव के बाद?
पुराना नाम: अपराध अनुसंधान विभाग (CBCID)
नया नाम: अपराध अनुसंधान विभाग (CID)
प्रभाव: प्रशासनिक व कानूनी प्रक्रियाएं पूर्ववत जारी रहेंगी, केवल नाम में परिवर्तन किया गया है।
राज्यपाल की मंजूरी: इस बदलाव को राज्यपाल की स्वीकृति मिल चुकी है, और यह 16 मार्च 2025 से प्रभावी हो गया है।
सरकार का यह कदम प्रदेश में अपराध नियंत्रण को बेहतर बनाने और पुलिस व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। आने वाले समय में इसका असर अपराध अनुसंधान और जांच प्रणाली पर साफ दिख सकता है।
जनता और पुलिस के लिए इसका क्या अर्थ है?
विशेषज्ञों का मानना है कि CBCID की तुलना में CID नाम अधिक सरल और व्यापक रूप से पहचाना जाने वाला है। इससे पुलिस कर्मियों को भी विभागीय कार्यप्रणाली समझने में सहूलियत मिलेगी और अपराध जांच में समन्वय बढ़ेगा। इस फैसले से सरकार का उद्देश्य कानून-व्यवस्था को मजबूत करना और अपराधों की जांच प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना है।