थाने के सिपाही मोनू चौधरी का एक व्यक्ति से पैसे लेने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने इसे निजी लेनदेन का मामला बताया है। एसएसपी ने जांच के बाद स्पष्ट किया कि सिपाही के फॉरच्यूनर कार में बैठे व्यक्ति से लेन-देन का वीडियो वायरल होने की जानकारी मिली थी।
जांच में सामने आया कि कार में बैठा व्यक्ति जितेंद्र सिपाही का जानकार है। दोनों एक दूसरे के परिचित हैं। निजी लेन-देन का मामला है। जितेंद्र कुमार से भी बुलाकर पूछा गया है। इनके द्वारा कोई पैसे मांगने वाली बात प्रकाश में नहीं आई है।
एसएसपी को दिए प्रार्थना पत्र में भावनपुर निवासी आशिया पत्नी असलूफ सैफी ने कहा था कि उनके बेटे अजरुद्दीन का पत्नी हिना से विवाद चल रहा है। बताया कि उनका बेटा सात नवंबर की शाम साढ़े तीन बजे घर से गया था, लेकिन नहीं लौटा। आरोप है कि अजरूद्दीन के साले सलीम और शमशाद निवासी शेखपुरी भोला रोड थाना जानी उसे जान से मारने की धमकी दे चुके हैं। उन्होंने अजरूदीन के ससुराल पक्ष के लोगों पर अपहरण की आशंका जताई।
बताया गया कि आठ नवंबर को दोपहर एक बजे मोनू चौधरी नाम का पुलिस वाला अजरूद्दीन के साले और अन्य लोगों के साथ पहुंचा और हिना को ले जाने लगा। विरोध किया तो सिपाही ने धक्का-मुक्की की। आरोप लगाया कि सिपाही मोनू चौधरी ने अजरूदीन के साले शमशाद से पैसे लिए हैं।
इसका वीडियो भी उन्होंने पुलिस अधिकारियों को दिया। इसमें सिपाही स्कार्पियो में बैठे व्यक्ति से पैसे ले रहा है। पूरे मामले में पुलिस अधिकारियों द्वारा सिपाही को क्लीनचिट दिए जाने पर अजरूद्दीन के परिजनों का कहना है कि वे इस मामले में शुक्रवार को एडीजी से शिकायत करेंगे। अगर तब भी कार्रवाई नहीं हुई तो लखनऊ में शिकायत करेंगे।