उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक युवक ने अपनी प्रेमिका को प्रभावित करने के लिए पुलिस की वर्दी पहनकर फर्जी सिपाही बनने का प्रयास किया। वह पिछले एक वर्ष से उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दी, फर्जी आईडी कार्ड और बैज के साथ काठगोदाम क्षेत्र में घूम रहा था और वाहनों से अवैध वसूली भी कर रहा था। जब वह पुलिस के हत्थे चढ़ा तो उसकी हकीकत जान लोग सन्न रह गए। पकड़े जाने पर भी शातिर आरोपी एसपी और कमिश्नर की धौंस झाड़ते रहा। आइए आपको भी दिखाते हैं क्या है पूरा मामला।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, यह मामला तब उजागर हुआ जब काठगोदाम के कृष्णा विहार कॉलोनी के निवासी कैलाश चंद्र पांडे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, आरोपी संजय कुमार ने खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही बताकर उनका कमरा किराए पर लिया था। 5 जनवरी को, जब कैलाश ने उसके संदिग्ध व्यवहार के कारण उसे घर में प्रवेश से रोका, तो संजय ने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद, संजय ने पुलिस अधिकारियों पर रौब जमाने की कोशिश की और कहा कि वह उत्तर प्रदेश पुलिस के नवंबर 2020 बैच का सिपाही है। उसने यह भी दावा किया कि वह कमिश्नर दीपक रावत और एसपी सहारनपुर के करीबी संपर्क में है। हालांकि, जांच में उसके सभी दावे फर्जी पाए गए। पुलिस ने आरोपी के पास से उत्तर प्रदेश पुलिस की दो वर्दी, फर्जी आईडी कार्ड और बैज बरामद किए हैं। संजय कुमार के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें पुलिस के नाम पर धोखाधड़ी और धमकी देने के आरोप शामिल हैं।
इसलिए किया ढोंग
युवक को हिरासत में लेकर जब पुलिस ने सख्ती बरती तो उसने खुद ही अपनी पोल खोल दी। पूछताछ में पता लगा कि आरोपी संजय यूपी पुलिस का सिपाही नहीं, बल्कि किसी एजेंसी में काम करता है। वह प्रेमिका के खातिर काठगोदाम में रह रहा था। उसने ऐसे ही एक दर्जी की मदद से वर्दी सिलवा ली थी और रौंब गांठने लगा। फिलहाल उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है।