आजकल यूपी का संभल जिला काफी सुर्खियों में है। दरअसल, ASI के सर्वे के बाद अब संभल जिले में जामा मस्जिद के पास निर्माणाधीन पुलिस चौकी को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है। इस मामले में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि यह चौकी वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनाई जा रही है, जो रिकॉर्ड में दर्ज है। उन्होंने प्राचीन स्मारक अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है। हालांकि इस मामले में जिले के डीएम ने जो बयान दिया है वो काफी अलग है।
ओवैसी ने किया ये दावा
जानकारी के मुताबिक, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ संभल में खतरनाक माहौल बनाने के ज़िम्मेदार हैं। यह वक्फ नंबर 39-A, मुरादाबाद है। यह उस ज़मीन का वक्फनामा है, जिस पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार को क़ानून का कोई एहतराम नहीं है। सांसद ने मंगलवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है।
डीएम ने कहा ये
इस मामले में पर संभल के जिलाधिकारी (DM) डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस भूमि पर सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है, वह आजादी के बाद से आबादी की जमीन के रूप में दर्ज है और वर्तमान में नगर पालिका परिषद की संपत्ति है। मामल में आगे उन्होंने बताया कि अब तक इस संबंध में कोई औपचारिक आपत्ति या आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। कल कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे, लेकिन वे रजिस्टर्ड नहीं हैं। यदि किसी के पास वैध दस्तावेज हैं, तो वे आवेदन दे सकते हैं, और प्रशासन प्रमाण और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करेगा।