आइपीएस गणेश साहा उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के एसपी (पुलिस अधीक्षक) के रूप में कार्यरत हैं। वे भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर हैं। गणेश साहा का नाम विभिन्न समयों में चर्चा में रहा है, खासकर उनकी तैनाती के दौरान उनके द्वारा किए गए पुलिसिंग कार्यों के कारण। हाल ही में जिले में हुई कई घटनाओं के बाद बीजेपी के नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। विधायकों का आरोप है कि गणेश साहा का व्यवहार और कार्यशैली संतोषजनक नहीं है, जिससे वे असंतुष्ट हैं। ऐसे में अब सभी मिलकर एसपी की शिकायत सीएम योगी से करने वाले हैं।
विधायकों ने खोला मोर्चा
जानकारी के मुताबिक, 2013 बैच के आईपीएस अफसर गणेश प्रसाद साहा को यूपी सरकार ने 12 जनवरी 2023 को लखीमपुर खीरी का पुलिस अधीक्षक बनाया था। हाल ही में, भाजपा के आठ विधायकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत करने की घोषणा की है। दरअसल, लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के कुछ महीने बाद ही आईपीएस गणेश साहा पर कई तरह के आरोप लगने लगे थे। कुछ महीने पहले जब बीजेपी विधायक योगेश वर्मा को सरेआम थप्पड़ मारा गया था, तब भी एसपी गणेश साहा की पुलिस पर आरोप लगे थे। अब जब बुधवार को जब बीजेपी विधायक सौरभ सिंह के आवास पर घुसकर कुछ लोगों ने फायरिंग कर दी तो उसके बाद अब बीजेपी के 8 विधायकों ने एसपी गणेश साहा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सभी विधायकों का आरोप है कि लखीमपुर के एसपी केवल माफिया से बात करते हैं, हमारा फोन नहीं उठाते, हमारी बात तक नहीं सुनते हैं। ये बात अब इतनी बढ़ गई है कि इस मामले में बीजेपी विधायक योगेश वर्मा, सौरभ सिंह सोनू और विनोद शंकर अवस्थी ने लखनऊ में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद से मुलाकात की और एसपी गणेश साहा को हटाने की मांग की है। सभी ने आगे सीएम योगी से मुलाकात की बात भी कही है।
कहां हैं गणेश साहा
आपको बता दें कि 2013 बैच के आईपीएस अफसर गणेश प्रसाद साहा लखीमपुर खीरी से पहले नोएडा में डीसीपी ट्रैफिक के पद पर कार्यरत थे तेज तर्रार आईपीएस अफसर गणेश प्रसाद साहा गोरखपुर में एसपी सिटी, इलाहाबाद और देवरिया में एएसपी के पद पर रहे थे फिर उन्हें बांदा जिले का पुलिस कप्तान भी बनाया गया था। इसके बाद ही इन्हें नोएडा भेजा गया था।
इन मामलों की वजह से भी रहे चर्चा में
प्रयागराज में इनकी तैनाती के दौरान कुछ ऐसा हुआ था, जिसकी वजह से इन्हें पराक्रम पदक भी मिला है। यहां 2017 में हुए चक्का जाम में जब एसपी घायल हो गए थे, तब भी उन्होंने कमान संभाले रखी और स्थिति को कंट्रोल किया। इसी के चलते उन्हें सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं जब बांदा जिले में उन्होंने पुलिस विभाग की नई बिल्डिंग का उद्घाटन अपने फॉलोवर हाफिज बेग से करवायया , तब भी लोगों ने उनकी काफी सराहना की थी। हाफिज बेग, 27 सालों से पुलिस अधीक्षक दफ्तर में चाय पिलाने का काम कर रहे थे।