वो कहते हैं ना, लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। इस मुहावरे को चरितार्थ किया है आईपीएस बजरंग प्रसाद ने। आईपीएस बजरंग प्रसाद यादव साल 2022 की सिविल सेवा परीक्षा में 454वीं रैंक हासिल करने वाले अधिकारी हैं। बजरंग प्रसाद अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे लेकिन, जमीन के विवाद में उनके पिता की हत्या हो गई। इसके बाद उन्होंने पिता के कातिल दबंगों से बदला लेने के लिए यूपीएससी परीक्षा पास करने की ठानी और अब उन्हें यूपी कैडर ही मिला है।
पिता की हत्या से हो गए थे निराश
जानकारी के मुताबिक, बजरंग प्रसाद बस्ती जिले के धोबहट गांव के निवासी हैं। उनके पिता किसान थे। मां गांव की प्रधान थीं। उनके पिता का सपना था कि उनका बेटा यूपी पुलिस की वर्दी पहन कर अफसर बनें। ऐसे में यही सपना सच करने के लिए बजरंग इसकी तैयारी में जुट गए। साल 2019 में परीक्षा की तैयारी के लिए वे दिल्ली आ गए। जब उनका परीक्षा का पहला अटेम्पट था, तभी उनके पिता की हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने उन्हें झकझोर कर रख दिया था।
तीसरे प्रयास में मिली सफलता
इस घटना से उबरने के लिए उनके परिवार ही उनका सहारा बना। इसके बार एक बार फिर से बजरंग प्रसाद ने अपने पिता से सपने को पूरा करने की बात ठानी। बजरंग की हिम्मत और मेहनत का नतीजा यह निकला कि 2022 में तीसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करते हुए 454वीं रैंक हासिल की। यूपीएससी पास कर बजरंग प्रसाद ने अपने परिवार का ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया था। अब उन्हें जब यूपी कैडर ही मिला है तो उनके परिवार में खुशी का माहौल है।