कानपुर पुलिस महकमे में आए दिन ही कोई ऐसी गतिविधि हो जा रही है, जिससे खाकी की चर्चा जोरों पर होने लगती है. कुछ दिनों पहले, कलक्टरगंज थाना प्रभारी जहां 50 हज़ार रुपये घूस के साथ अरेस्ट हुए थे, तो वहीं एक अपराधी को संरक्षण देने में काकादेव थाना प्रभारी निलंबित किए गए. अब शहर के एक आईपीएस (एडीसीपी पूर्वी) पर पुलिस आयुक्त ने कार्रवाई की और उनका जोन बदल दिया गया. पुलिस आयुक्त डॉ. आरके स्वर्णकार के आदेश अमुसार, अब एडीसीपी पूर्वी आकाश पटेल एडीसीपी पश्चिम बनाए गए हैं. वहीं, एडीसीपी पश्चिम लाखन सिंह को एडीसीपी पूर्वी का चार्ज दिया गया है. आईपीएस पर हुई कार्रवाई को लेकर आला अफसरों का कहना था कि लगातार शिकायतें मिल रहीं थीं. इस वजह से आईपीएस का जोन बदला गया.
एडीसीपी ने किया इंकार
एडीसीपी आकाश पटेल ने हेड कांस्टेबल के आरोपों को झूठा बताया है. उनका कहना है कि हेड कांस्टेबल पद्माकर ने एक हत्या के मामले में पुलिस को गुमराह किया है इस मामले से बचने के लिए वह मारपीट का झूठा आरोप लगा रहा हैं. उन्होंने बताया कि पद्माकर द्विवेदी की तैनाती महाराजपुर थाने पर थी. 18 अक्टूबर को थाना महाराजपुर में सूरज नामक व्यक्ति की कुछ व्यक्तियों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. हत्या के मामले में थाने पर 302 IPC में अभियोग पंजीकृत होकर विवेचनाधीन है. पुलिस ने अभियुक्तों से जब पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि मृतक सूरज उनके घर में घुसने पर था, जब उसे पकड़ने का प्रयास किया तो वह भागने लगा. भागने पर उसे चोट लग गई और बाद में वो मर गया.
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश
पुलिस को इन ब्यान में शक हुआ. गहराई से पूछताछ करने पर बाद में मुलजिमों ने ये बात मानी की उन्होंने खुद सूरज को घर में बंद करके पीटा था. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोप लगाने वाले हेड कांस्टेबल ने आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस को गुमराह किया. आरोप है कि है कि हेड कांस्टेबल ने आरोपियों से कहा था कि सच मत बताना. बल्कि बता देना की सूरज भागते समय गिर गया था और उसकी चोट लगने से मौत हो गई थी. इस मामले की जांच रिपोर्ट 19 अक्टूबर को डीसीपी आकाश पटेल ने अपने उच्चाधिकारियों को सौंप दी थी. एडीसीपी की जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस कमिश्नर ने हेड कांस्टेबल पद्माकर का ट्रांसफर नरवल थाने कर दिया था. एडीसीपी का आरोप है कि इसी बात से नाराज होकर वह झूठा आरोप लगा रहा है.