मथुरा में एक ऐसी मिसाल सामने आई है, जिसने ईमानदारी और नियम-पालन की ताकत को फिर से रेखांकित किया है। मुड़िया पूर्णिमा मेले के दौरान शनिवार की शाम एक होमगार्ड ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए जिलाधिकारी और एसएसपी के ई-रिक्शा को परिक्रमा मार्ग में प्रवेश से रोक दिया। यही नहीं, उन्होंने अधिकारियों का परिचय जानने के बाद भी नियम से एक इंच भी समझौता नहीं किया।
मेला, भीड़ और प्रतिबंधित मार्ग
इन दिनों गिरिराज जी की परिक्रमा के लिए मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र में विशाल मुड़िया मेला चल रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर दिन इस परिक्रमा में शामिल हो रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पहले ही परिक्रमा मार्ग पर ई-रिक्शा समेत किसी भी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
शनिवार शाम जिलाधिकारी सीपी सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार निरीक्षण के उद्देश्य से ई-रिक्शा से गोवर्धन की ओर जा रहे थे। राधाकुंड क्षेत्र से निकलकर जैसे ही उनका काफिला बागड़ी प्याऊ तिराहे पर पहुंचा, वहां बैरियर पर ड्यूटी कर रहे होमगार्ड महेंद्र सिंह ने उन्हें रोक दिया।
अधिकारियों ने जब अपनी पहचान बताई, तब भी होमगार्ड टस से मस नहीं हुए। उन्होंने बेहद विनम्रता और दृढ़ता के साथ बताया कि परिक्रमा मार्ग पर ई-रिक्शा चलाना प्रतिबंधित है और यह आदेश खुद वरिष्ठ अधिकारियों का है।
नियमों का पालन, फिर मिला सम्मान
इस पूरी स्थिति को अधिकारियों ने भी सकारात्मक रूप में लिया। एसएसपी श्लोक कुमार और डीएम सीपी सिंह ने होमगार्ड की निष्ठा की सराहना करते हुए उसे वहीं मौके पर शाबाशी दी। एसएसपी ने स्पष्ट किया कि महेंद्र सिंह जैसे कर्मियों की वजह से ही व्यवस्था टिकती है और उन्होंने उसे सम्मानित करने की घोषणा की।
इसके बाद अधिकारियों ने बिना किसी विरोध के नियमों का पालन करते हुए अपना मार्ग बदल लिया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी पंकज वर्मा सहित कई प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।