गाजियाबाद पुलिस लाइन में तैनात एक हेड कांस्टेबल की ‘सेटिंग व्यवस्था’ ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हेड कांस्टेबल अजीत सिंह, जिन्हें एसएसपी विपिन ताडा ने 30 जनवरी को लाइन हाजिर किया था, दोबारा एसपी सिटी कार्यालय में ड्यूटी करते पाए गए — वो भी बिना कोई आधिकारिक रवानगी कराए।
पत्र से खुली बात
मामला तब उजागर हुआ जब एक गुमनाम पत्र डीआईजी, एडीजी और एसएसपी को भेजा गया। पत्र में दावा किया गया कि अजीत सिंह, जिनकी तैनाती एसपी देहात कार्यालय में है, दो साल से बिना स्थानांतरण पूरी किए एसपी सिटी पेशी में कार्यरत हैं। इस शिकायत के आधार पर एसएसपी ने जांच का जिम्मा एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा को सौंपा।
जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। अजीत सिंह पिछले छह वर्षों से एसपी सिटी की पेशी में लगातार डटे हुए थे। दो साल पहले उनका तबादला हो गया था, लेकिन उन्होंने न तो रवानगी कराई और न ही नए स्थान पर कार्यभार संभाला। बल्कि ‘सेटिंग’ के दम पर वे लगातार उसी जगह बने रहे।
जांच में खुलासा
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह के मुताबिक, अजीत को अक्सर संदिग्ध कार्यों से जुड़ी जांचों में भेजा जाता था और वह वहां से भी ‘वसूली’ कर लौटता था। जांच में यह भी सामने आया कि अजीत सिंह के खाते में अलग-अलग लोगों से यूपीआई के जरिए दस लाख रुपये से अधिक की रकम ट्रांसफर की गई है।
यह संदेह जताया जा रहा है कि ये पैसे अपराध से जुड़े तत्वों के हैं। एसपी ट्रैफिक की रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी गई है और अब हेड कांस्टेबल अजीत सिंह पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई की तैयारी है।