रामपुर ज़िले के थाना गंज में उस वक्त हड़कंप मच गया जब वहां तैनात हेड कांस्टेबल मोहम्मद उमर ने सरकारी आवास में आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का स्पष्ट खुलासा नहीं हो सका है, लेकिन बताया जा रहा है कि मृतक कांस्टेबल पिछले कई दिनों से डिप्रेशन से जूझ रहा था।
एसपी ने किया निरीक्षण
पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र और अपर पुलिस अधीक्षक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने मौके का निरीक्षण किया और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से अहम साक्ष्य जुटाए। मोहम्मद उमर के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है, और अब पुलिस उनके आने के बाद बयान दर्ज करने की प्रतीक्षा कर रही है, जिससे आत्महत्या के पीछे की वजहों पर रोशनी डाली जा सके।
गौरतलब है कि रामपुर जिले में दो महीने के भीतर यह तीसरी आत्महत्या की घटना है, जिसने पुलिस विभाग को अंदर से झकझोर कर रख दिया है।
- 5 मार्च 2025 को थाना स्वार में तैनात उपनिरीक्षक नयाब खान ने अपने आवास में आत्महत्या की थी।
- 23 मार्च को थाना टांडा में तैनात कांस्टेबल अंकित सिंह ने फांसी लगाकर जान दे दी थी।
- और अब 23 अप्रैल को यह तीसरी घटना सामने आई है।
एएसपी ने कहा ये
अपर पुलिस अधीक्षक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि मोहम्मद उमर के आत्महत्या करने की पुष्टि हो चुकी है। फॉरेंसिक टीम द्वारा एकत्र साक्ष्यों की जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
लगातार आत्महत्याओं की इन घटनाओं ने विभाग में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। कई पुलिसकर्मी अब इस मुद्दे पर खुलकर बात करने की जरूरत महसूस कर रहे हैं। विभागीय सूत्रों का मानना है कि पुलिसकर्मियों की कार्यशैली, तनाव और मानसिक दबाव पर गंभीर मंथन की आवश्यकता है।